
जयपुर (Jaipur) । राजस्थान (Rajasthan) में भजनलाल सरकार (Bhajanlal Sarkar) ने अलग भील प्रदेश की मांग (Demand for separate Bhil state) को खारिज कर दिया है। बीएपी पार्टी 4 राज्यों के 49 जिलों को मिलाकर अलग भील प्रदेश की मांग कर रही है। इसके लिए मानगढ़ धाम में आदिवासी एकत्रित हुए थे। जनजातीय क्षेत्रीय मंत्री बाबूलाल खराड़ी (Babulal Kharari) ने इस मांग को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि जाति के आधार पर अलग से प्रदेश बनाना ठीक नहीं। अलग से भील प्रदेश की मांग पर जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री बाबूलाल खराड़ी ने कहा कि विकास के लिए छोटा राज्य कारगर होते है। लेकिन जाति आधार पर अलग राज्यों की मांग करना सही नहीं है। ऐसा हुआ तो अलग-अलग जाति-समाज के लोग राज्यों की मांग करने लगेंगे, जिससे सामाजिक ताना-बाना बिगड़ने लगेगा। हमारी सरकार ने आदिवासी क्षेत्र में पानी, बिजली, सड़क, शिक्षा जैसी प्राथमिक सुविधाओं पर हमेशा फोकस किया है।
राजस्थान विधानसभा में BAP विधायक थावरचंद ने सदन में अलग प्रदेश की मांग उठाई। भील प्रदेश की मांग अब जोर पकड़ती जा रही है. मानगढ़ धाम में गुरुवार को भील प्रदेश की मांग को लेकर आदिवासियों की एक बड़ी रैली हुई। राजस्थान विधानसभा में भील प्रदेश की गूंज सनाई दी। भारत आदिवासी पार्टी के विधायक थावरचंद सदन में भील प्रदेश लिखी हुई टी-शर्ट पहन कर पहुंचे। जनजाति क्षेत्रीय विकास की अनुदान मांगों पर चर्चा के दौरान भाजपा विधायक थावरचंद ने कहा कि आज मानगढ़ धाम में ऐतिहासिक सम्मेलन होने जा रहा है।
उन्होंने कहा कि भीलों की भाषा और संस्कृति एक है, लेकिन हमको मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र के अलग-अलग भागों में बांटा गया है। गुजराती भाषा के आधार पर गुजरात प्रदेश बनाया गया। मराठी भाषा के आधार पर महाराष्ट्र तो भील बोली के आधार पर भील प्रदेश क्यों नहीं बनाया जा सकता। थावरचंद ने कहा कि हमारी भील प्रदेश बनाने की मांग को पूरी की जाए बिल प्रदेश हमारा अधिकार है और हम इसे लेकर रहेंगे।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved