
इंदौर। 6 किलोमीटर के प्रायोरिटी कॉरिडोर पर मेट्रो का व्यवसायिक संचालन जल्द शुरू करने की जीद मेट्रो कॉर्पोरेशन की है, जो कि समझ से ही परे है। मेट्रो स्टेशनों का निर्माण तेज रफ्तार से पूर्ण कराया जा रहा है, तो अभी दिल्ली से आए सीएमआरएस के प्रतिनिधियों ने कल दौरा किया और आज भी शाम तक उनका अवलोकन चलेगा। मुख्य रूप से रोलिंग स्टॉक यानी कोच की जांच की जा रही है। लोड टेस्टिंग, स्पीड के साथ-साथ अन्य सुरक्षा मानकों की जांच होगी। उसके बाद फिर सिविल की टीम भी निरीक्षण करने आएगी। दूसरी तरफ रोबोट चौराहा से खजराना चौराहा तक मेट्रो का चल रहा काम बढ़ गया है और ऐलिवेटेड कॉरिडोर के लिए पिलर निर्माण शुरू किया गया है। हालांकि अंडरग्राउंड ट्रैक का टेंडर फिलहाल मंजूर नहीं हुआ है, जिसकी प्रक्रिया जारी है।
तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने इसी प्रायोरिटी कॉरिडोर पर मेट्रो का ट्रायल रन विधानसभा चुनाव से पहले लिया था, जिस पर अब व्यवसायिक यानी यात्रियों का परिवहन शुरू किया जाना है। इस 6 किलोमीटर के कॉरिडोर में 5 मेट्रो स्टेशन रहेंगे, जिन्हें तेजी से इन दिनों पूर्ण किया जा रहा है। दूसरी तरफ मेट्रो रेल सुरक्षा आयुक्त की टीम अवलोकन के लिए आई हुई है, जिसमें सेफ्टी ऑडिट चल रहा है और आज शाम तक यह कार्य पूरा हो जाएगा। हालांकि मेट्रो के स्टेशन और डिपो पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था रखी गई है और किसी को भी प्रवेश नहीं दिया जा रहा है। मेट्रो स्टेशनों पर इस्केलेटर, लिफ्ट, डिजीटल लॉकर, टिकट काउंटर, आपातकालीन सुविधाओं के साथ-साथ जो अभी 11 मेट्रो कोच सेट पहुंचे हैं उनकी भी सुरक्षा व्यवस्था, लोड टेस्टिंग की प्रक्रियाकी गई है। एक सेट में तीन कोच शामिल रहेंगे। इस तरह 11 सेट में अभी 33 कोच गांधी नगर स्थित इंदौर मेट्रो के डिपो पर पहुंच गए हैं।
कंट्रोल रूम, सिग्रल सिस्टम के साथ ही आंतरिक और बाहरी सौंदर्यीकरण के बचे कार्यों को भी तेजी से पूरा कराया जा रहा है। वहीं गांधी नगर से लेकर रोबोट चौराहा तक एलिवेटेड कॉरिडोर के बचे कामों को भी जहां पूरा किया जाएगा, ताकि अगले साल इस पूरे साढ़े 17 किलोमीटर के ट्रैक पर व्यवसायिक संचालन शुरू हो सके। वहीं दूसरी तरफ रोबोट से लेकर खजराना चौराहा के बीच भी एलिवेटेड कॉरिडोर का काम शुरू हो गया है। यानी रोबोट से भी खजराना तक मेट्रो का सफर आगे बढ़ा है। हालांकि उसके बाद बंगाली, फिर पलासिया से एमजी रोड तक भी एलिवेटेड कॉरिडोर बनना है और उसके बाद फिर अंडरग्राउंड कॉरिडोर के रुट पर काम होना है।
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