
ग्वालियर: ग्वालियर जिले (Gwalior district) के बिलौआ थाना क्षेत्र के बहादुरपुर गांव (Bahadurpur Village) में उस समय स्थिति बेहद तनावपूर्ण हो गई जब अतिक्रमण हटाने गए प्रशासनिक अफसरों और पुलिस के सामने ही एक किसान ने जहर खा लिया. गंभीर हालत में इस किसान को जयारोग्य अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां उसकी हालत नाजुक बताई जा रही है.
दरअसल, जिला प्रशासन ने बहादुरपुर गांव में प्लास्टिक पार्क बनाने के लिए जमीन चिन्हित की है. ग्रामीणों का कहना है कि जिस जमीन पर वे 75 सालों से काबिज है और उनके कच्चे पक्के घर बने हुए हैं. प्रशासन उन्हें प्लास्टिक पार्क के नाम पर वहां से बेदखल करना चाह रहा है. इसके लिए न तो उन्हें पूर्व में कोई नोटिस दिया गया न ही गांव वालों को विश्वास में लिया गया. डबरा एसडीएम बिलौआ पुलिस और तहसीलदार पटवारी बुधवार दोपहर बहादुरपुर गांव पहुंच गए और जमीन से लोगों को बेदखल करने लगे.
किसानों का कहना है कि उनकी जमीन पर फसल खड़ी थी जिस पर जिला प्रशासन ने बुलडोजर चला दिया. जब स्थानीय लोगों ने इसका विरोध किया तब प्रशासन ने उनके साथ सख्ती दिखाई. लिहाजा किसान सुरेश कुशवाह ने गेहूं में रखने वाली दवा का इंजेक्शन पी लिया. यह देख कथित रूप से अतिक्रमण हटाने गई प्रशासनिक टीम ने अपनी कार्रवाई को रोक दिया और एंबुलेंस बुलाकर ग्रामीण सुरेश कुशवाह को ग्वालियर के जयारोग्य अस्पताल में भर्ती कराया.
पुलिस का कहना है कि इस मामले में जांच पड़ताल की जा रही है. अतिक्रमण हटाने के दौरान यह सब घटनाक्रम हुआ है, लेकिन ग्रामीणों का आरोप है कि अतिक्रमण के नाम पर किसानों की जमीन को जबरन कब्जाया जा रहा है. गरीब एवं छोटे किसानों को बेदखल कर वहां भूखंड काटे जाने की कोशिश की जा रही है. कई लोगों को पहले भी प्रशासनिक अफसरों ने वहां से हटाया है. किसान द्वारा जहर खाने की खबर मिलते ही भीम आर्मी के लोग भी वहां पहुंच गए थे. उन्होंने भी इस घटना पर गहरा आक्रोश जताया है. परिजनों ने कहा है कि यदि सुरेश को कुछ होता है तो अतिक्रमण के नाम पर कार्रवाई करने गए सभी लोगों के खिलाफ वह मुकदमा दर्ज कराएंगे.
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