
नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने शुक्रवार को दिल्ली में 98वें अखिल भारतीय मराठी साहित्य सम्मेलन (98th All India Marathi Sahitya Sammelan in Delhi) का उद्घाटन किया (Inaugurated) । तीन दिवसीय मराठी सम्मेलन का आयोजन दिल्ली में किया जा रहा है जिसका उद्देश्य वर्तमान काल में मराठी साहित्य की भूमिका पर मंथन करना है।
यह सम्मेलन 21 से 23 फरवरी तक चलेगा और इसमें पैनल चर्चा, पुस्तक प्रदर्शनी, सांस्कृतिक कार्यक्रम और प्रख्यात साहित्यकारों के साथ संवाद सत्र आयोजित किए जाएंगे।ऐसा तब हो रहा है जब सरकार ने हाल ही में मराठी को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिया है। सम्मेलन में मराठी साहित्य की समृद्ध परंपरा और उसकी समकालीन प्रासंगिकता पर चर्चा की जाएगी। इसमें भाषा संरक्षण, अनुवाद और साहित्यिक कार्यों के डिजिटलीकरण के प्रभाव जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर विचार विमर्श होगा।
पीएमओ के मुताबिक प्रख्यात साहित्यिक हस्तियों के साथ इंटरैक्टिव सत्रों की एक विस्तृत श्रृंखला की मेजबानी की जाएगी। साथ ही कहा गया है कि इस कार्यक्रम में पुणे से दिल्ली तक एक प्रतीकात्मक साहित्यिक ट्रेन यात्रा भी शामिल होगी, जिसमें साहित्य की एकीकृत भावना दिखाने के लिए 1,200 प्रतिभागी शामिल होंगे। इस यात्रा के माध्यम से साहित्य की एकता को प्रदर्शित किया जाएगा। सम्मेलन में 2,600 से अधिक कविताओं का आयोजन, 50 किताबों का विमोचन और 100 बुक स्टॉल होंगे। यह साहित्य सम्मेलन 71 वर्षों के बाद दिल्ली में हो रहा है।
इस बीच, पीएम मोदी ‘एडवांटेज असम 2.0’ पहल के हिस्से के रूप में असम सरकार द्वारा आयोजित झुमोइर बिनंदिनी कार्यक्रम के एक मेगा इवेंट में भाग लेंगे। इस कार्यक्रम में असम की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के लिए एक मंच भी तैयार किया गया है। राज्य के 27 जिलों के झुमोइर कलाकार 24 फरवरी को गुवाहाटी के सरुसजाई स्टेडियम में इस प्रदर्शन की तैयारी कर रहे हैं। इस कार्यक्रम में 5,399 महिला नर्तक, 2,175 पुरुष नर्तक और 2,074 संगीतकार शामिल होंगे।
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