
नई दिल्ली । शुभांशु शुक्ला (Shubhanshu Shukla) आईएसएस में एक्सिओम मिशन-4 पूरा कर (After completing Axiom Mission-4 in ISS) सकुशल धरती पर वापस लौट आए (Returned safely on Earth) । अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) में ऐतिहासिक एक्सिओम मिशन-4 पूरा करने के बाद भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला की पृथ्वी पर वापसी हो गई है। शुभांशु शुक्ला तीन अन्य अंतरिक्ष यात्रियों के साथ इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर गए थे।
शुंभाशु ने अपने इस मिशन के दौरान अंतरिक्ष में करीब 18 दिन का समय बिताया है. इस दौरान उन्होंने कई प्रयोग भी किए हैं. करीब 23 घंटे के सफर के बाद उनका ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट कुछ ही देर में कैलिफोर्निया के तट पर लैंडिंग हो गई है। ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला और ड्रैगन अंतरिक्ष यान पर सवार एक्सिओम-4 चालक दल, अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर 18 दिनों के प्रवास के बाद प्रशांत महासागर में उतरे।
पीएम मोदी ने ट्वीट कर लिखा मैं पूरे देश के साथ ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला का स्वागत करता हूँ, जो अपने ऐतिहासिक अंतरिक्ष मिशन से पृथ्वी पर लौट रहे हैं। अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन का दौरा करने वाले भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री के रूप में, उन्होंने अपने समर्पण, साहस और अग्रणी भावना से करोड़ों सपनों को प्रेरित किया है। यह हमारे अपने मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन – गगनयान – की दिशा में एक और मील का पत्थर है।

अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला की पृथ्वी पर वापसी पर लखनऊ स्थित शुभांशु के पिता शंभू दयाल शुक्ला और माता आशा शुक्ला ने इस ऐतिहासिक क्षण पर अपनी भावनाएं साझा कीं। शंभू दयाल शुक्ला ने गर्व से कहा, “मेरे बेटे की अंतरिक्ष यात्रा मेरे और मेरे परिवार के लिए गर्व का विषय है। यह देशवासियों के आशीर्वाद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समर्थन से ही संभव हुआ।” उन्होंने बताया कि त्रिवेंद्रम में जब मेरे बेटे शुभांशु को ‘एस्ट्रोनॉट विंग’ प्रदान किया गया था, तब से ही उसे गगनयात्री की उपाधि मिली थी। प्रधानमंत्री ने शुभांशु की तारीफ की और आशीर्वाद भी दिया था, जिससे उसका उत्साह और बढ़ गया। मैं उनका दिल से धन्यवाद करता हूं।
शुभांशु की माता आशा शुक्ला ने भावुक होकर कहा, “जब त्रिवेंद्रम में मेरे बेटे को एस्ट्रोनॉट विंग मिला, तो हॉल में तालियों की गड़गड़ाहट गूंजी थी। सभी लोग भावुक थे। पिछले चार साल से शुभांशु ने कड़ी मेहनत और ट्रेनिंग की थी। जब प्रधानमंत्री ने उनके नाम का ऐलान किया, तो वह मेरे लिए गर्व का पल था।” उन्होंने आगे कहा, “शुभांशु अब केवल मेरा बेटा नहीं, बल्कि पूरे देश का बेटा है। देश की हर मां उसे आशीर्वाद दे रही हैं। मुझे अपने बेटे पर बहुत गर्व है। एक्सिओम-4 मिशन में शुभांशु ने 60 प्रयोगों में हिस्सा लिया, जिनमें से सात इसरो के थे। ”
शुभांशु शुक्ला की पृथ्वी पर वापसी को लेकर उनकी बहन शुचि मिश्रा ने कहा, “सच कहूं तो, मैं कल रात सो नहीं पाई हूं और उनकी लैंडिंग को लेकर बहुत उत्साहित हूं। भाई की पृथ्वी पर वापसी को लेकर परिवार के सभी लोग कल से ही पूजा-अर्चना कर रहे थे ।
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