
नई दिल्ली: तेलंगाना (Telangana) के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी (CM A. Revanth Reddy) ने गुरुवार को नई दिल्ली में लोकसभा (Lok Sabha) में विपक्ष के नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) और राज्यसभा (Rajya Sabha) में विपक्ष के नेता एवं अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे (Mallikarjun Kharge) से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने तेलंगाना में किए गए सामाजिक, आर्थिक, शैक्षिक, रोजगार और जातिगत सर्वेक्षण (SEEEPC) की प्रक्रिया और इसके आधार पर पारित किए गए विधेयकों के बारे में विस्तार से बताया.
रेवंत रेड्डी ने बताया कि तेलंगाना सरकार ने वैज्ञानिक तरीके से SEEEPC सर्वेक्षण पूरा किया, जिसके आधार पर पिछड़ा वर्ग के लिए शिक्षा, रोजगार और स्थानीय निकायों में 42 प्रतिशत आरक्षण के लिए दो विधेयक पारित किए गए. इन विधेयकों को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए केंद्र सरकार से मंजूरी की मांग की गई है.
मुख्यमंत्री ने राहुल गांधी और खरगे से संसद के चालू सत्र में केंद्र की भाजपा सरकार पर दबाव बनाने का आग्रह किया, ताकि इन विधेयकों को मंजूरी मिल सके. रेवंत रेड्डी ने कहा कि तेलंगाना का जाति सर्वेक्षण पूरे देश के लिए एक मॉडल है. उन्होंने राहुल गांधी के भारत जोड़ो यात्रा के दौरान दिए गए वादे का जिक्र किया, जिसमें उन्होंने सत्ता में आने पर जाति सर्वेक्षण कराने की बात कही थी. उन्होंने कहा कि तेलंगाना में कांग्रेस सरकार ने इस वादे को पूरा किया. मुख्यमंत्री ने दावा किया कि केंद्र सरकार ने पहले जाति सर्वेक्षण से इनकार किया था, लेकिन तेलंगाना मॉडल के बाद उसने जनगणना के साथ जाति गणना करने का फैसला लिया.
यह मुलाकात दो घंटे तक चली, जिसमें सर्वेक्षण की प्रक्रिया और इसके सामाजिक-राजनीतिक प्रभावों पर चर्चा हुई. रेवंत रेड्डी ने कहा कि बीसी आरक्षण 2029 के लोकसभा चुनाव में एक बड़ा मुद्दा बनेगा. इस मुलाकात को तेलंगाना में सामाजिक न्याय की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है. गुरुवार शाम रेवंत रेड्डी की इनडिया एलायंस के समर्थक पार्टियों के नेताओं से भी इस मुद्दे पर मुलाकात की संभावना है.
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