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रिजर्व बैंक के गवर्नर ने कहा- जब मैं कलेक्टर था तब से साक्षरता अभियान

August 31, 2025

व्यक्ति को साक्षर बनाने से शुरूसफर अब डिजिटल साक्षरता पर पहुंच गया- मल्होत्रा

इन्दौर। रिजर्व बैंक (Reserve Bank) के गवर्नर ( Governor) संजय मल्होत्रा (sanjay malhotra) को कल वह समय याद आ गया, जब वह जिला कलेक्टर (collector) के रूप में काम करते थे। उन्होंने कहा कि उस समय हम नागरिकों को साक्षर बनाने का अभियान चलाते थे और आज हम डिजिटल साक्षरता के लिए काम कर रहे हैं।

वह कल यहां ग्राम रंगवासा में भारत सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित संतृप्ति अभियान के कार्यक्रम में ग्रामीण क्षेत्र के नागरिकों से चर्चा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जिस समय मैं कलेक्टर हुआ करता था, उस समय पर साक्षरता के लिए अभियान चलाया जाता था। अधिक उम्र के लोगों को भी पढ़ाने के लिए क्लास लगाई जाती थी। नागरिकों से कहा जाता था कि जब भी समय हो, तब आओ और पढ़ लो। उस समय यह कोशिश थी कि हर व्यक्ति को अपना नाम लिखना और पढऩा आ जाए। इसके बाद समय में बदलाव आया। फिर हम सभी को वित्तीय समावेश के लिए प्रोत्साहित करने लगे। पूरे देश में बैंकों के माध्यम से जीरो बैलेंस पर नागरिकों के बैंक के खाता खोलने का अभियान शुरू हुआ। इस अभियान के तहत पूरे देश में नागरिकों के बैंक खाते खुलवाए गए। आज यह खाते खुले हुए 11 साल हो गए हैं।


उन्होंने कहा कि अब हम फिर से नागरिकों के बीच जाकर उनमें डिजिटल साक्षरता का अभियान चला रहे हैं। लोगों को बता रहे हैं कि आपको अपना पासवर्ड और ओटीपी कोड किसी को नहीं बताना है। जिस तरह से पासवर्ड और ओटीपी कोड से डिजिटल धोखाधड़ी होती है, इस तरह की धोखाधड़ी मोबाइल से भी होती है। ऐसे में अब नई जानकारी यह है कि किसी अनजान आदमी को आपको अपना फोन भी नहीं देना है। आपने 11 साल पहले जो अपना बैंक खाता खुलवाया था, उसमें एक बार फिर केवाईसी करवाना है, ताकि बैंक को यह सुनिश्चित हो जाए कि इस खाते का उपयोग आप ही कर रहे हो। उन्होंने कहा कि यह केवल एक बैंक खाता खोलने का अभियान नहीं था, बल्कि इस बैंक के खाते के साथ सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ, बीमा योजनाओं का लाभ और पेंशन का लाभ भी शामिल था। आज हम जिस गांव रंगवासा में बैठे हैं, वहां पर 12 बैंकों की शाखाएं हैं। पूरे देश में हर 5 किलोमीटर पर बैंक की शाखा मौजूद है।

महिलाओं को सशक्त बनाया
मल्होत्रा ने कहा कि बैंकों में खाते के माध्यम से महिलाओं को जागरूक बनाया गया है। गांव-गांव में भी महिलाओं द्वारा अपने स्वयं सहायता समूह बनाकर उत्पाद बनाने का काम शुरू किया गया है। इन उत्पादन के माध्यम से महिलाओं में आर्थिक आत्मनिर्भरता की स्थिति बनी है। यह उत्पाद इतने सुंदर और बेहतर हैं, जिसका कोई जवाब नहीं है।

56 प्रतिशत महिलाओं के खाते
इस मौके पर संबोधित करते हुए भारतीय स्टेट बैंक के अध्यक्ष सीएस शेट्टी ने कहा कि स्टेट बैंक द्वारा 56 करोड़ जनधन खाते खोले गए हैं। इनमें से 1.5 करोड़ खाते मध्यप्रदेश में खोले गए हैं। जो खाते खोले गए हैं, उसमें से 56 प्रतिशत खाते महिलाओं के हैं।

ट्रंप टैरिफ पर चुप्पी
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर संजय मल्होत्रा से इस कार्यक्रम के बाद जब ट्रंप के टैरिफ और उसके भारत पर पडऩे वाले प्रभाव तथा रिजर्व बैंक की नीति में आने वाले परिवर्तन पर सवाल किया गया तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया और वह आगे बढ़ गए।

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