
नई दिल्ली । हिंसा के दो साल बाद मणिपुर (Manipur)पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी(Prime Minister Narendra Modi) से कुकी-जो आदिवासी विधायकों (Tribal legislators)ने बड़ी मांग(great demand) कर दी है। उन्होंने कहा कि मणिपुर के आदिवासियों के लिए अलग प्रशासन या फिर अलग केंद्र शासित प्रदेश बनाया जाए। पीएम मोदी को सौंपे गए ज्ञापन में उन्होंने कहा, चुराचांदपुर के पहले दौरे पर हम आपका दिल से स्वागत करते हैं। आपके दौरे के बाद हमें बड़े राजनीतिक परिवर्तन की आशा है। आपको पता है कि मणिपुर के घाटी इलाके से हमारे लोगों को भगा दिया गया और उनपर अत्याचार किए गए। बहुसंख्यक समुदाय ने अल्पसंख्यक आदिवासियों पर बहुत कहर ढाए हैं।
उन्होंने आगे कहा, दोनों पक्ष ‘‘केवल अच्छे पड़ोसियों के रूप में शांति से रह सकते हैं, फिर कभी एक ही छत के नीचे नहीं रह सकते।’’ इस दावे के साथ कुकी विधायकों ने प्रधानमंत्री से ‘‘विधानसभा वाले एक अलग केंद्र शासित प्रदेश की उनकी मांग को पूरा करने के लिए बातचीत में तेजी लाने’’ का आग्रह किया। उन्होंने कहा, ‘‘हमारा मानना है कि केवल इसी से हमारे लोगों में स्थायी शांति, सुरक्षा, न्याय और अपनेपन की भावना आएगी।’’
जुलाई 2023 में, कुकी समुदाय से जुड़े इन 10 आदिवासी विधायकों ने हिंसक झड़पों के मद्देनजर केंद्र से अपने समुदाय के लिए एक अलग प्रशासन गठित करने का आग्रह किया था। वहीं मणिपुर पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘मणिपुर ‘भारत माता’ के मुकुट को सुशोभित करने वाला ‘रत्न’ है। यहां किसी भी प्रकार की हिंसा निंदनीय है। यह न केवल दुर्भाग्यपूर्ण है, बल्कि हमारी आने वाली पीढ़ियों के साथ घोर अन्याय भी है। हमें मिलकर मणिपुर को शांति और विकास के पथ पर आगे ले जाना होगा।’
मेइती समुदाय के लोग इंफाल घाटी में रहते हैं, जबकि कुकी समुदाय आस-पास की पहाड़ियों पर रहता है। प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि राज्य में शांति पर कोई समझौता नहीं किया जा सकता तथा इसे केवल बातचीत और एकता से ही हासिल किया जा सकता है। उन्होंने कहा, ‘मणिपुर में अपार क्षमताएं हैं, लेकिन हिंसा हमारे सामाजिक ताने-बाने को कमज़ोर करती है। केवल शांति और सद्भाव ही राज्य को भारत के पूर्वी क्षेत्र के मुकुट के मणि के रूप में उसका उचित स्थान दिला सकता है।’
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