
नई दिल्ली। बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Elections) से ठीक पहले राज्य की अंतिम मतदाता सूची (Final voter list.) 30 सितंबर को प्रकाशित की जाएगी। यह सूची विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Review.- SIR) के बाद पहली बार सामने आएगी। सूत्रों के अनुसार, इस सूची में 7.3 करोड़ से अधिक मतदाता शामिल होंगे, जो कि ड्राफ्ट सूची (7.24 करोड़) से अधिक है, लेकिन जनवरी 2025 की मतदाता सूची (7.8 करोड़) से काफी कम है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, अंतिम सूची में लगभग 14 लाख नए मतदाताओं का नाम जुड़ सकता है। इनमें से करीब 10 लाख पहली बार वोट करने वाले युवा है, जिन्होंने 18 वर्ष की आयु पूरी कर ली है। वहीं, 4–5 लाख मतदाता 25 वर्ष से अधिक उम्र के हैं, जिन्होंने पहली बार वोटर लिस्ट में नाम शामिल कराने के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है। आम तौर पर इतनी बड़ी संख्या में 25 वर्ष से ऊपर के नए मतदाता जुड़ना असामान्य माना जा रहा है। माना जा रहा है कि इनमें से कई ऐसे लोग हो सकते हैं जिनके नाम ड्राफ्ट सूची में शामिल नहीं थे या पिछले पुनरीक्षण में किसी कारण से छूट गए थे।
चुनाव आयोग ने 24 जून को SIR से जुड़ा आदेश जारी किया था, जिसके तहत 25 सितंबर तक सभी दावे और आपत्तियां निपटाए जाने थे। जानकारी के अनुसार, 90% से अधिक मामलों का निपटारा हो चुका है। हालांकि आयोग ने लचीला रुख अपनाते हुए कुछ और दिनों तक इन मामलों पर विचार जारी रखने का निर्णय लिया है। 1 सितंबर को आयोग के बयान के अनुसार, 36,475 शामिल किए जाने और 2.17 लाख नाम हटाने के दावे दायर किए गए थे। इनमें से 34,000 से अधिक नाम अंतिम सूची में बहाल होने की संभावना है।
बड़ी संख्या में नामों की कटौती
ड्राफ्ट मतदाता सूची में कुल 7.24 करोड़ मतदाता दर्ज थे। इसमें 65 लाख नाम हटाए गए थे, जिनमें से 22 लाख मृतक मतदाता थे। शेष 45 लाख नाम विभिन्न कारणों से हटाए गए। जैसे कि नामांकन फॉर्म जमा न करना, पते पर अनुपस्थित रहना या स्थायी रूप से अन्यत्र स्थानांतरित होना। इन बड़े पैमाने पर हुई कटौतियों के मामले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है और फिलहाल यह मामला अदालत में लंबित है। अंतिम सूची प्रकाशित होने के बाद ही कटे हुए नामों की सटीक संख्या स्पष्ट होगी।
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