
नई दिल्ली । ग्वालियर (Gwalior)हाई कोर्ट परिसर(High Court Complex) में डॉ. अंबेडकर की प्रतिमा (Statue of Dr. Ambedkar)लगाने की मांग को लेकर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस(Press Conference) बुलाई गई थी। इसमें लोगों ने उनकी मांगे ना पूरी होने पर ग्वालियर की सड़कों पर बड़ा आंदोलन करने की चेतावनी दी थी। वकीलों ने चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर उनकी मांग नहीं मानी गई तो देशभर से वकील आएंगे और सड़कों पर बड़ा आंदोलन करेंगे। इस मामले की सूचना मिलने के बाद ग्वालियर जिला कलेक्टर ने जिले में धारा 163 लागू करने का आदेश दे दिया।
ग्वालियर के जिला कलेक्टर ने धारा 163 लागू करने का आदेश दिया है। इसके तहत सार्वजनिक स्थलों पर बिना अनुमति के प्रदर्शन, धरना, रैली, जुलूस और चल समारोह आयोजित करना प्रतिबंधित होगा। किसी आयोजन को लिए सक्षम अधिकारी से अनुमति लेना अनिवार्य होगा। इस दौरान अनुभाग के भीतर के कार्यक्रमों के लिए संबंधित अनुविभागीय अधिकारी राजस्व से, जबकि एक से अधिक अनुविभाग में प्रस्तावित कार्यक्रमों के लिए अपर जिला दण्डाधिकारी ग्वालियर से अनुमति प्राप्त करनी होगी।
इस दौरान सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे फेसबुक, व्हाट्सऐप, इंस्टाग्राम और एक्स पर भड़काऊ, भ्रामक या सामाजिक समरसता बिगाड़ने वाली पोस्ट अपलोड करने और फॉरवर्ड करने पर भी प्रतिबंध लगाया गया है। कलेक्टर ने अपने आदेश में बताया है कि आने वाले समय में जिले में कई त्योहार, धार्मिक, सामाजिक, शासकीय और राजनैतिक कार्यक्रम आयोजित होंगे, जिससे बाजारों और मार्गों पर भीड़ बढ़ेगी। ऐसे में शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ये उपाय आवश्यक हैं।
आपको बता दें ग्वालियर-चंबल में इन दिनों अंबेडकर मूर्ति विवाद ने तूल पकड़ा हुआ है। ऐसे में बीजेपी के एससी मोर्चे के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालसिंह आर्य ने कहा है कि अंबेडकर जैसे महापुरुष हमारी धरोहर है और संविधान भी बाबा साहेब अंबेडकर ने लिखा है। बीएन राऊ संविधान लिखने वाली कमेटी में सलाहकार थे, उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि ये किसी जाति, धर्म के लिए नहीं था, बल्कि भारत के लिए था। लेकिन कुछ लोग है, जो भारत को कमजोर करना चाहते है, हमें उनसे बचना होगा, क्योंकि ग्वालियर शांति वाला शहर है, इसे शांत ही रहना चाहिए।
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