
नई दिल्ली । केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल(Union Commerce and Industry Minister Piyush Goyal) ने भारतीय उद्योगों(Indian industries) पर तीखा हमला(sharp attack) बोला है। उन्होंने उद्योग जगत के उस रवैये की आलोचना की जिसमें वह विदेशी उत्पादों को भारतीय बाजार में सीमित कोटा देने का विरोध करते हैं। गोयल ने कहा कि भारतीय उद्योगों का यह रवैया निराशाजनक है और यह उन्हें कमजोर स्थिति में प्रस्तुत करता है।
एक हालिया कार्यक्रम में बोलते हुए गोयल ने कहा, “जब भी हम किसी विदेशी उत्पाद को थोड़ा सा कोटा देते हैं, आप सब हंगामा मचा देते हैं। मुझे बहुत निराशा होती है। इससे आपकी छवि बहुत खराब होती है। आप विदेशी बाजार खोलना चाहते हैं, लेकिन भारतीय बाजार नहीं खोलना चाहते। यह काम नहीं करेगा।”
गोयल का यह बयान ऐसे समय में आया है जब भारत कई देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौतों (FTA) पर बातचीत कर रहा है। सरकार का मानना है कि वैश्विक व्यापार में भारत की स्थिति को मजबूत करने के लिए खुले बाजार की नीति अपनाना जरूरी है। हालांकि, कई भारतीय उद्योग, विशेष रूप से छोटे और मध्यम उद्यम (SME), विदेशी उत्पादों के आयात पर छूट देने का विरोध करते हैं, क्योंकि उनका मानना है कि इससे घरेलू उद्योगों को नुकसान हो सकता है।
इस दौरान वाणिज्य मंत्री ने शिकायत करते हुए कहा, “जापान और दक्षिण कोरिया जैसे देशों में राष्ट्रवादी भावना है। हमारा उनके साथ मुक्त व्यापार समझौता है, लेकिन उनकी कंपनियां केवल घरेलू आपूर्तिकर्ताओं से ही खरीदती हैं। मैं भारत में भी यही मांग करता रहता हूं, लेकिन कोई सुनता ही नहीं है।”
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत ने कई विकसित देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) लागू किए हैं और इस समय अमेरिका, ओमान एवं यूरोपीय संघ (ईयू) के साथ ऐसे ही समझौतों के लिये सक्रिय वार्ता चल रही है। गोयल ने यहां संवाददाताओं से कहा कि भारत ने पिछले कुछ वर्षों में ऑस्ट्रेलिया, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (ईएफटीए) के साथ एफटीए लागू किए हैं। इसके अलावा ब्रिटेन के साथ भी एक व्यापार समझौता किया गया है।
उन्होंने कहा, ‘‘पिछले तीन वर्षों में हमने कई विकसित देशों के साथ एफटीए किए हैं। हम इस समय अमेरिका, यूरोपीय संघ, चिली, पेरू, न्यूजीलैंड और ओमान के साथ सक्रिय वार्ता में हैं। यह स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि भारत निवेश और द्विपक्षीय व्यापार दोनों के लिये पसंदीदा गंतव्य है।’’ गोयल ने यह भी बताया कि ब्राजील के साथ प्राथमिकता वाले व्यापार समझौते को मौजूदा स्तर से आगे बढ़ाने पर भी बातचीत हुई है, ताकि दक्षिण अमेरिकी बाजार में भारत की हिस्सेदारी बढ़ाई जा सके।
भारतीय अधिकारियों का एक प्रतिनिधिमंडल इस समय वाशिंगटन में अपने अमेरिकी समकक्षों के साथ व्यापार वार्ता कर रहा है, जो 17 अक्टूबर तक जारी रहेगी। इस वर्ष फरवरी में भारत और अमेरिका के शीर्ष नेताओं ने प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते (बीटीए) पर बातचीत शुरू करने और उसका पहला चरण 2025 के अक्टूबर-नवंबर तक पूरा करने का निर्देश दिया था। अब तक बीटीए पर पांच दौर की बातचीत हो चुकी है।
दोनों देशों के संबंध पिछले कुछ महीनों में तनाव से गुजर रहे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय वस्तुओं पर 50 प्रतिशत का शुल्क लगाने के अलावा रूसी कच्चे तेल की खरीद पर 25 प्रतिशत का अतिरिक्त शुल्क भी लगा दिया। भारत ने इन शुल्कों को ‘अनुचित और अनुचित’ ठहराया है।
इसके अलावा भारतीय उद्योग ने ट्रंप प्रशासन की एच-1बी वीजा नीति को लेकर भी चिंता जताई है। हालांकि, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप के बीच हालिया टेलीफोन वार्ता के बाद इस समझौते पर सकारात्मक परिणाम की उम्मीदें बढ़ी हैं।
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