
नई दिल्ली । राज्यसभा सांसद सुधा मूर्ति (Rajya Sabha MP Sudha Murthy)और उनके टेक्नोक्रेट पति नारायण मूर्ति(Technocrat husband Narayana Murthy) ने जातिगत सर्वे(caste survey) में शामिल होने से ही इनकार कर दिया है। दंपति की ओर से इस संबंध में कर्नाटक सरकार को पत्र भी लिखा गया है कि हम इसमें हिस्सा नहीं लेंगे। कपल ने लिखा है कि यह सर्वे किसी के भी हितों को पूरा नहीं करता है और अहम बात यह कि हम पिछड़े समुदाय से ताल्लुक नहीं रखते हैं और हम इस सर्वे का हिस्सा नहीं होंगे। मूर्ति की ओर से सेल्फ अटेस्टेड लेटर राज्य के पिछड़ा वर्ग आयोगको भेजा गया है, जिसमें कहा गया है कि हमारा परिवार इस सर्वे का हिस्सा नहीं रहेगा। ऐसा इसलिए क्योंकि हमें नहीं लगता कि यह किसी के हितों की पूर्ति करता है।
उन्होंने कहा कि हम अपनी पर्सनल डिटेल्स नहीं देंगे। वहीं इस मामले में कर्नाटक सरकार से भी जवाब आया है। डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार एक पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में थे। इस आयोजन से इतर जब उनसे मूर्ति परिवार के फैसले पर पूछा गया तो उन्होंने कहा कि हम किसी को जानकारी देने के लिए बाध्य नहीं कर सकते। यह तो उनका फैसला है और वे जैसा चाहें करें। बता दें कि कर्नाटक में सामाजिक-आर्थिक सर्वे चल रहा है। इस सर्वे के माध्यम से यह पता लगाने की बात कही जा रही है कि किस वर्ग के कितने लोगों के पास कितनी सुविधाएं हैं। उनकी आर्थिक, सामाजिक और शैक्षणिक स्थिति क्या है।
इसके लिए राज्य में सभी सरकारी एवं सहायता प्राप्त स्कूलों को 8 से 18 अक्तूबर तक बंद रखा गया है। इसकी वजह यह है कि स्कूलो के अध्यापकों को ही इस सर्वे में लगाया गया है। कर्नाटक में यह सर्वे 22 सितंबर से शुरू हुआ था और यह 12 अक्तूबर को समाप्त हो जाना था, लेकिन इसकी तारीख बढ़ा दी गई है। बेंगलुरु में यह 24 अक्तूबर तक चलना है। इस सर्वे में राज्य के सभी 7 करोड़ लोगों को शामिल किया जाएगा और उनकी आर्थिक एवं सामाजिक स्थिति जानी जाएगी। राज्य सरकार का कहना है कि हम यह जानना चाहते हैं कि किस वर्ग के पास क्या संसाधन हैं। पूरी जानकारी मिलने के बाद सामाजिक योजनाओं को गति देने में मदद मिलेगी।
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