तेलअबीव। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू (Benjamin Netanyahu) ने सोमवार को संसद में बताया कि इजरायली सेना ने गाजा पर 153 टन बम गिराए हैं। उन्होंने इसे हमास द्वारा युद्धविराम तोड़ने के जवाब में की गई कार्रवाई बताया। नेसेट के शीतकालीन सत्र में सदस्यों को संबोधित करते हुए नेतन्याहू ने कहा कि हमारे एक हाथ में हथियार हैं, तो दूसरे हाथ में शांति की पेशकश। शांति ताकतवर के साथ बनाई जाती है, कमजोर के साथ नहीं। आज इजरायल पहले से कहीं अधिक शक्तिशाली है।
रविवार को राफा में इजरायली रक्षा बलों (आईडीएफ) के दो सैनिकों पर हमास के घात लगाकर किए गए हमले के बाद इजरायल ने हवाई हमलों का दौर शुरू कर दिया। नेतन्याहू ने इस घटना को युद्धविराम का स्पष्ट उल्लंघन करार दिया और बताया कि इजरायल ने हमास के कई वरिष्ठ कमांडरों सहित दर्जनों ठिकानों पर जवाबी कार्रवाई की। हमास ने इस हमले में अपनी कोई भूमिका होने से साफ इनकार किया है। नेतन्याहू ने आगे कहा कि हमने इजरायल की रक्षात्मक क्षमता को मजबूत किया है, अपनी स्थिति सुधारी है और अपने सभी बंधकों को वापस लाया है, जिनमें से सभी जीवित थे; कुछ शहीद अभी भी वहीं हैं। हम उन्हें भी जरूर लाएंगे।
इसी बीच, संघर्ष फिर भड़कने पर हमास ने इजरायली बंधकों के दो ताबूत लौटा दिए, जिससे कुल बंधकों की संख्या 12 हो गई। इजरायल ने हमास के सुस्त सहयोग का हवाला देकर राफा सीमा को बंद रखा, जिससे मई 2024 से हजारों लोग चिकित्सा या पारिवारिक कारणों से यात्रा नहीं कर पा रहे। नेतन्याहू ने साफ कहा कि युद्धविराम हमास को इजरायल को धमकाने की छूट नहीं देता। हमारे खिलाफ आक्रामकता की भारी कीमत चुकानी पड़ेगी, और चुकानी ही पड़ेगी।
प्रधानमंत्री ने शांति की इच्छा रखने वालों तक इजरायल की प्रतिबद्धता पर भी रोशनी डाली और दोहराया कि शांति मजबूत राष्ट्रों के बीच ही स्थापित होती है, कमजोरों के साथ नहीं। आज दुनिया जानती है कि इजरायल एक अत्यंत शक्तिशाली देश है। उन्होंने मारे गए और जीवित सभी बंधकों को वापस लाने के मिशन को ‘पवित्र मिशन’ करार दिया और हमास के खतरों को कुचलने के लिए ताकत का प्रदर्शन करने के इरादे को रेखांकित किया।
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