
नई दिल्ली । दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत(Actor Sushant Singh Rajput) के परिवार ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (Central Bureau of Investigation) की क्लोजर रिपोर्ट (Closure Report)को अदालत में चुनौती(Challenge in court) देने का निर्णय लिया है। परिवार का कहना है कि रिपोर्ट अधूरी, ऊपरी जांच पर आधारित और सच छिपाने का प्रयास है। परिवार के वकील अधिवक्ता वरुण सिंह ने कहा, “यह रिपोर्ट केवल एक दिखावा है।
अगर सीबीआई वास्तव में सच सामने लाना चाहती, तो उसे कोर्ट में सभी सबूत जैसे कि चैट रिकॉर्ड, तकनीकी डेटा, गवाहों के बयान, मेडिकल रिकॉर्ड, बैंक स्टेटमेंट के साथ अंतिम रिपोर्ट दाखिल करनी चाहिए थी। ऐसा नहीं किया गया है। हम इस क्लोजर रिपोर्ट के खिलाफ एक प्रोटेस्ट याचिका दाखिल करेंगे।”
परिवार का आरोप है कि जांच में कई गंभीर कमियां हैं। वकील ने कहा, “सिर्फ यह कह देना कि सुशांत के अकाउंट से कोई पैसा नहीं निकाला गया, पर्याप्त नहीं है। CBI को अपने दावे के समर्थन में बैंक स्टेटमेंट और डिजिटल सबूत देने चाहिए थे। यह एक कमजोर रिपोर्ट है जो अदालत में टिक नहीं पाएगी।”
CBI ने इस साल मार्च में दो क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की थीं। पहली रिपोर्ट सुशांत के पिता के.के. सिंह की शिकायत पर थी, जिसमें आरोप था कि अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती और उनके परिवार ने सुशांत को आत्महत्या के लिए उकसाया और उनकी संपत्ति का दुरुपयोग किया। दूसरी रिपोर्ट रिया द्वारा मुंबई में सुशांत की बहनों के खिलाफ दर्ज कराई गई शिकायत से जुड़ी थी।
CBI रिपोर्ट में कहा गया है?
सीबीआई की रिपोर्ट के अनुसार, जांच से यह स्पष्ट हुआ कि सुशांत सिंह राजपूत ने आत्महत्या की थी। 8 जून 2020 से 14 जून 2020 (जिस दिन वे बांद्रा स्थित फ्लैट में मृत पाए गए) के बीच कोई भी आरोपी व्यक्ति उनके साथ नहीं रह रहा था। रिया और उनके भाई शोविक 8 जून को घर छोड़ चुके थे। सुशांत ने 10 जून को शोविक से वॉट्सऐप पर बातचीत की थी, लेकिन 8 से 14 जून के बीच रिया से कोई संपर्क नहीं हुआ था।”
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि सुशांत की बहन मीतू सिंह 8 जून से 12 जून तक उनके फ्लैट में उनके साथ थीं, जबकि उनकी मैनेजर श्रुति मोदी फरवरी में पैर फ्रैक्चर होने के बाद से घर नहीं आई थीं।
CBI ने कहा कि जब रिया और शोविक ने घर छोड़ा, तो वे केवल अपना Apple लैपटॉप और घड़ी लेकर गईं जो उन्हें सुशांत ने उपहार में दी थी। रिपोर्ट में कहा, “कोई ऐसा सबूत नहीं मिला जिससे साबित हो कि रिया या किसी और ने सुशांत की संपत्ति उनकी जानकारी के बिना हड़पी हो।”
सीबीआई के अनुसार, सुशांत के वित्तीय लेनदेन उनके चार्टर्ड अकाउंटेंट और वकील संभालते थे। रिया पर किए गए खर्च जैसे 2019 की यूरोप यात्रा सुशांत के निर्देश पर किए गए थे। सीबीआई ने अपनी रिपोर्ट में कहा, “उन्होंने अपने फ्लैटमेट सिद्धार्थ पिठानी से कहा था कि रिया परिवार का हिस्सा हैं। इसलिए रिया पर किया गया खर्च IPC की धारा 420 (धोखाधड़ी) के तहत नहीं आता है।”
मामले से संबंधित याचिका पर पटना की एक अदालत 20 दिसंबर को सुनवाई करेगी। परिवार ने संकेत दिया है कि वे CBI की जांच प्रक्रिया पर अदालत से विस्तृत पुनर्विचार की मांग करेंगे।
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