
प्रोटीन (Protein) और कैल्शियम (Calcium) की तरह विटामिन बी12 (Vitamin B12) भी शरीर के लिए सबसे जरूरी है। यह एक पानी में घुलनशील विटामिन है, जिसे कोबालामिन (Cobalamin) भी कहा जाता है। इसका काम शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं को बनाना है। यह विटामिन नसों और मस्तिष्क के स्वास्थ्य के लिए भी जरूरी है। इसके अलावा विटामिन बी12 न्यूरोट्रांसमीटर बनाने में भी मदद करता है, जो मानसिक स्वास्थ्य और मूड को संतुलित रखने में अहम भूमिका निभाते हैं।
विटामिन बी12 की कमी से व्यक्ति को कमजोरी, थकान और सांस फूलने जैसी परेशानियां महसूस हो सकती हैं। हाथ-पैर में झुनझुनी, सुन्नपन या संतुलन की समस्या भी इसकी कमी के संकेत हैं। इतना ही नहीं इसकी कमी से डिप्रेशन, भ्रम और याददाश्त में कमी जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं।
‘कपिल त्यागी आयुर्वेद क्लिनिक’ के डायरेक्टर कपिल त्यागी के अनुसार, जब शरीर में विटामिन बी12 की कमी हो जाती है, तो त्वचा और मुंह पर इसके संकेत और लक्षण दिख सकते हैं। चलिए जानते हैं इन लक्षणों के बारे में और आपको विटामिन बी12 की कमी दूर करने के लिए क्या करना चाहिए।
त्वचा का पीला या फीका होना या काले धब्बे
विटामिन बी12 की कमी से लाल रक्त कोशिकाएं सही से नहीं बन पाती और टूटने लगती हैं। इससे शरीर में बिलीरुबिन बढ़ता है और त्वचा पीली या हल्की पीली दिखाई देने लगती है, जैसे जॉन्डिस में होता है। कुछ लोगों की त्वचा पर हाथ, पैर और उंगलियों के जोड़ों पर काले धब्बे भी दिखाई दे सकते हैं। यह इसलिए होता है क्योंकि B12 की कमी से मेलेनिन का निर्माण असमान हो जाता है।
सफेद पैच और विटिलिगो जैसी समस्या
विटामिन बी12 की कमी से कुछ जगहों पर त्वचा का रंग गायब हो सकता है और सफेद पैच बन सकते हैं। इसे विटिलिगो जैसा देखा जाता है। इससे त्वचा का रंग असमान दिखने लगता है।
होंठ और मुंह की समस्या
विटामिन बी12 की कमी होंठों और मुंह के अंदर दर्दनाक घाव या क्रैक्स भी पैदा कर सकती है। यह अक्सर होंठों के किनारों और मुंह की अंदरूनी परत में दिखाई देता है और खाने-पीने में परेशानी देता है।
खुजली, सूखापन और धीमी हीलिंग
विटामिन बी12 की कमी से त्वचा में खुजली, सूखापन और सूजन जैसी समस्याएं हो सकती हैं। यह इसलिए होता है क्योंकि एनीमिया और कमजोर इम्यून सिस्टम की वजह से त्वचा तक ऑक्सीजन कम पहुँचती है। साथ ही, कट या घाव जल्दी ठीक नहीं होते क्योंकि नए सेल्स बनने की प्रक्रिया धीमी हो जाती है।
सप्लीमेंट का उपयोग करें
अगर आहार से पर्याप्त बी12 नहीं मिल रहा या शरीर इसका अवशोषण सही से नहीं कर पा रहा है जैसे कि पेट या आंत की बीमारियों में, तो डॉक्टर की सलाह से बी12 सप्लीमेंट या इंजेक्शन लेना फायदेमंद होता है। इसके अलावा बी12 को अवशोषित करने के लिए पेट और छोटी आंत का सही काम करना जरूरी है। गैस्ट्रिक अल्सर, क्रोहन रोग या गैस्ट्रिक बायपास सर्जरी जैसी समस्याओं में इसकी कमी जल्दी हो सकती है।
विटामिन बी12 वाले खाद्य पदार्थ खाएं
विटामिन बी12 मुख्य रूप से पशु स्रोतों में पाया जाता है, इसलिए इसे अपने आहार में शामिल करना बेहद जरूरी है। मांस जैसे चिकन, बीफ और लिवर, मछली और समुद्री भोजन जैसे सैलमन, टूना और शेलफिश, अंडे और डेयरी उत्पाद जैसे दूध, दही और पनीर से बी12 की अच्छी मात्रा मिलती है। वेजिटेरियन लोगों के लिए फोर्टी फोर्टिफाइड अनाज और फोर्टिफाइड प्लांट बेस्ड मिल्क जैसे सोया, बादाम या ओट मिल्क बढ़िया ऑप्शन हैं।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें। एनबीटी इसकी सत्यता, सटीकता और असर की जिम्मेदारी नहीं लेता है।
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