
नई दिल्ली. देवउठनी एकादशी (Dev Uthani Ekadashi) सभी एकादशियों में सबसे खास मानी जाती है. क्योंकि इस दिन सृष्टि के पालनहार भगवान विष्णु (Lord Vishnu) 142 दिन बाद योगनिद्रा (Yoga Nidra) से जागेंगे. श्रीहरि (Srihari) के जागते ही सभी मांगलिक (Manglik) और शुभ कार्यों की शुरुआत हो जाएगी. देवउठनी एकादशी को देव प्रबोधिनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन व्रत करने से और पूजा-पाठ करने से श्रीहरि हर किसी की इच्छा पूर्ण करते हैं. देवउठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु के साथ मां लक्ष्मी की भी पूजा की जाती है.
देवउठनी के अगले दिन होगा तुलसी विवाह
इस बार 2 नवंबर को तुलसी विवाह होगा. इस दिन भक्त पूरे विधि-विधान के साथ भगवान शालिग्राम और माता तुलसी का विवाह करवाते हैं. मान्यतानुसार, जिन लोगों की संतान नहीं है, उन्हें इस दिन तुलसी विवाह कराना चाहिए. ऐसा करने से वैवाहिक जीवन भी सुखमय रहता है. चलिए अब जानते हैं कि देवउठनी एकादशी से दिसबंर तक कौन से विवाह के मुहूर्त रहने वाले हैं.
नवंबर के महीने में विवाह के ये मुहूर्त रहेंगे- 2 नवंबर, 3 नवंबर, 5 नवंबर, 8 नवंबर, 12 नवंबर, 13 नवंबर, 16 नवंबर, 17 नवंबर, 18 नवंबर, 21 नवंबर, 22 नवंबर, 23 नवंबर, 25 नवंबर और 30 नवंबर, ये सभी शुभ तिथियां.
वहीं, दिसंबर में ये रहेंगे विवाह के मुहूर्त, जिसमें 4 दिसंबर, 5 दिसंबर और 6 दिसंबर की सबसे सर्वोत्तम मुहूर्त माने जा रहे हैं. इसके बाद 16 दिसंबर से खरमास (मलमास) की शुरुआत हो जाएगी.
विवाह के लिए जरूर होते हैं शुभ मुहूर्त
हिंदू धर्म में शुभ मुहूर्तों का बेहद विशेष महत्व बताया गया है. इन शुभ मुहूर्तों पर कई मांगलिक कार्य जैसे मुंडन, सगाई, नामकरण, गृह प्रवेश और विवाह किए जाते हैं. हर व्यक्ति के जीवन में विवाह वाला दिन बहुत ही खास होता है. विवाह एक ऐसा मांगलिक कार्य होता है जिसे सिर्फ शुभ मुहूर्त में करना अच्छा माना जाता है. इसलिए, शादी-विवाह जैसे शुभ कार्यों को करने के लिए खास मुहूर्त और तिथि निर्धारित की जाती है.
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved