
इंदौर। मिलावटखोरी (Adulteration) के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी देते हुए मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के मुख्यमंत्री मोहन यादव (Chief Minister Mohan Yadav) ने सोमवार को कहा कि मिलावट के जरिये लोगों की जान से खिलवाड़ करने वाले तत्वों को कतई बख्शा नहीं जाएगा। यादव ने इंदौर (Indore) में राज्य सरकार द्वारा 8.12 करोड़ रुपये की लागत से बनाई गई खाद्य एवं औषधि परीक्षण प्रयोगशाला का लोकार्पण किया।
उन्होंने इस मौके पर आयोजित समारोह में कहा, “मैं मिलावटखोरों को चेतावनी देना चाहता हूं कि हम उन्हें कतई छोड़ने वाले नहीं हैं। हम ऐसे लोगों को जेल के अंदर पहुंचा कर मानेंगे।” यादव ने कहा कि मिलावट के जरिये लोगों की जान से खिलवाड़ की छूट किसी भी व्यक्ति को नहीं दी जा सकती।
मुख्यमंत्री ने कहा, “अगर आप गलत काम करेंगे, तो सरकार आपको छोड़ेगी नहीं। अगर आपने सही काम किया, तो हम आपको प्रोत्साहित करेंगे।” उन्होंने बताया कि 1956 के दौरान वजूद में आए सूबे के इतिहास में पहली बार राजधानी भोपाल के बाद संभागीय स्तर पर खाद्य एवं औषधि परीक्षण प्रयोगशाला खोली गई है और यह सिलसिला जबलपुर, ग्वालियर व अन्य संभागों में भी जारी रहेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा, “इंदौर, 56 दुकान और अन्य चाट-चौपाटियों के लिए मशहूर है। इस प्रयोगशाला की मदद से शहर में खाद्य पदार्थों में मिलावट को रोका जा सकेगा और स्वाद के शौकीनों के लिए शुद्ध खाद्य सामग्री की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सकेगी।”
उन्होंने कहा कि भोपाल की खाद्य एवं औषधि परीक्षण प्रयोगशाला के जरिये हर साल खाद्य पदार्थों और दवाओं के केवल 6000-6000 नमूनों की जांच हो पाती है। मुख्यमंत्री ने कहा, “इंदौर की प्रयोगशाला शुरू होने के बाद अब राज्य में हर साल खाद्य पदार्थों और दवाओं के कुल 20,000 नमूनों की जांच हो सकेगी।”
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