मुंबई। भारत के पड़ोस में हाल ही में कुछ सप्ताह से तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है और अब पाकिस्तान और अफगानिस्तान (Pakistan-Afghanistan) बड़े जंग के मुहाने पर खड़े नजर आ रहे हैं। अब इस तनाव के बीच बातचीत से हल निकालने की कोशिश करने की बजाय पाकिस्तान कभी सीजफायर (ceasefire) तोड़कर तो कभी भड़काऊ बयानों से अफगानिस्तान की तालिबानी सरकार को और उकसा रहा है। अब एक बार फिर पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने तालिबानी शासन को धमकी दी है। पाक रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने बुधवार को अफगानिस्तान को चेतावनी दी है कि पाकिस्तानी धरती पर किए गए किसी भी नए आत्मघाती हमले का कड़ा जवाब दिया जाएगा। ख्वाजा आसिफ ने इस्तांबुल में दोनों देशों के बीच हुई बातचीत के विफल रहने के कुछ घंटों बाद यह बातें कही हैं।
गौरतलब है कि इस महीने की शुरुआत में पाकिस्तान ने अफगानिस्तान में तालिबान के कई ठिकानों पर हमले किए थे, जिनमें दर्जनों लोग मारे गए। अफगानिस्तान ने कहा था कि मारे गए लोग आम नागरिक थे और तालिबानी सरकार ने जवाब में पाकिस्तानी सैन्य चौकियों पर हमला कर दिया। तालिबान ने दावा किया कि इस दौरान 58 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए। फिलहाल दोनों पक्षों के बीच जंग रोकने की सहमति नहीं बन पाई है। दोनों पक्ष 19 अक्टूबर को दोहा में कतर सहित अन्य देशों की मध्यस्थता से युद्धविराम पर सहमत हुए थे जिसके बाद इस्तांबुल में चार दिनों तक बातचीत हुई। हालांकि इस चर्चा का कोई नतीजा नहीं निकला।
अब सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने कहा, ‘मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि तालिबान शासन को पूरी तरह से खत्म करने और उन्हें वापस गुफाओं में धकेलने के लिए पाकिस्तान को अपने हथियार के भंडार का एक फीसदी भी इस्तेमाल करने की जरूरत नहीं है।’ ख्वाजा आसिफ ने आगे कहा, ‘अगर वे ऐसा चाहते हैं तो तोरा बोरा में उनकी हार वहां के लोगों के लिए देखने लायक तमाशा होगी।’
तुर्की में विफल हुई शांति वार्ता
इस बीच अफगानिस्तान ने तुर्की में विफल शांति वार्ता के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया है। जानकारी के मुताबिक पाकिस्तान अफगान हवाई क्षेत्र का उल्लंघन बंद करने और अमेरिकी ड्रोन उड़ानों को रोकने से सहमत नहीं था। दोनों देशों की सीमा 2 सप्ताह से ज्यादा समय से बंद है।
लगातार उकसा रहा पाक
इससे पहले पाकिस्तान में शहबाज शरीफ की सरकार अफगानिस्तान को लगातार युद्ध के लिए उकसा रही है। इससे पहले भी ख्वाजा आसिफ ने कहा था कि अगर दोनों देशों के बीच इस्तांबुल में चल रही चर्चा किसी मुकाम तक नहीं पहुंचती है तो इसका मतलब खुला युद्ध होगा। वहीं ख्वाजा आसिफ इस हद तक हताश हैं कि हाल ही में कहा है कि इस जंग के पीछे भारत का हाथ है और अफगानिस्तान भारत के इशारों पर काम कर रहा है।
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