
नई दिल्ली । बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Elections) में भले ही अब तक पाकिस्तान (Pakistan) की चर्चा नहीं हुई है, लेकिन पाकिस्तान में जरूर बिहार (Bihar) की चर्चा है। पाकिस्तानी अखबार डॉन ने अपने पहले पन्ने पर आज बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Elections) को जगह दी है। अखबार ने लिखा है कि बिहार इलेक्शन मोदी सरकार के लिए लिटमस टेस्ट की तरह है। अखबार लिखता है कि मोदी की सरकार फिलहाल अल्पमत में है और सहयोगी दलों के सहारे ही चल रही है। इनमें नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की जेडीयू अहम है। यदि बिहार चुनाव में नतीजा थोड़ा अलग रहा और नीतीश कुमार के साथ रिश्ते बदले तो फिर केंद्र सरकार भी खतरे में हो सकती है।
डॉन ने लिखा है, ‘बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की JDU मोदी सरकार को सहारा देने में अहम है। भाजपा 2024 के आम चुनावों में 240 सीटों पर सिमट कर रह गई थी। इसके बाद जेडीयू और चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी ने समर्थन किया था और सरकार ने 272 के आंकड़े को छुआ है। नीतीश कुमार की जेडीयू 12 सांसदों के साथ और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू 16 तेलुगु देशम सांसदों के साथ मोदी का भाग्य अपने हाथों में पकड़े हुए हैं। एनडीए का नेतृत्व कर रहे पीएम मोदी के पास साधारण बहुमत से केवल 21 सांसद ऊपर हैं। बिहार और आंध्र प्रदेश के दो सहयोगी मिलकर 28 सांसदों का समर्थन देते हैं।’
अखबार लिखता हैं कि ऐसी स्थिति में नीतीश और चंद्रबाबू दोनों ही अहम हैं। ऐसी स्थिति में यदि नीतीश कुमार की सरकार पर खतरा आया तो वे रास्ता बदलकर दांव चल सकते हैं। भाजपा ऐसी स्थिति नहीं चाहेगी क्योंकि चंद्रबाबू नायडू भी हार्ड बारगेनर हैं। यही नहीं पाकिस्तानी अखबार लिखता है कि राहुल गांधी के लिए भी यह चुनाव अहम हैं। डॉन का कहना है कि राहुल गांधी ने 2024 के चुनाव में अच्छी वापसी की थी और वह अब नेता विपक्ष हैं। खासतौर पर यूपी में कांग्रेस, सपा के प्रदर्शन का जिक्र डॉन ने किया है। अखबार लिखता है कि यूपी में कमजोर प्रदर्शन के चलते ही केंद्र में मोदी सरकार का समर्थन कम हुआ है।
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