
नई दिल्ली । बिहार(Bihar) विधानसभा चुनाव (assembly elections)में एनडीए ने भारी बहुमत(overwhelming majority) से जीत हासिल कर ली है। विपक्ष के कई नेता इसे लेकर चुनाव आयोग पर सवाल उठा रहे हैं, तो कई एनडीए और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बधाई संदेश दे रहे हैं। इन्हीं नेताओं में से एक नाम आसनसोल से टीएमसी सांसद शत्रुघ्न सिन्हा का है, जिन्होंने एनडीए को बिहार जीत पर न सिर्फ बधाई दी, बल्कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जमकर तारीफ भी कर दी। पूर्व भाजपा नेता द्वारा की गई एनडीए की इस तारीफ को लेकर अब कई सवाल खड़े हो रहे हैं। सिन्हा की पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने सांसद के इस बयान को उनकी व्यक्तिगत राय बताते हुए खुद को अलग कर लिया है।
आसनसोल सांसद के इस बयान पर टीएमसी प्रवक्ता देबांग्शु भट्टाचार्य ने पार्टी की तरफ से रिएक्ट किया। देबांग्शु ने कहा कि सिन्हा का बिहार से सीधा संबंध है, शायद यही वजह रही कि उन्होंने ऐसा बयान दिया। उन्होंने कहा, “हालांकि, इस मामले में पार्टी उनसे बात करेगी कि उन्होंने ऐसा क्यों कहा। उन्होंने जो कुछ भी कहा है वह पूरी तरह से उनकी व्यक्तिगत राय है, यह टीएमसी की आधिकारिक राय नहीं है।”
टीएमसी में मौजूद दरार आई सामने: भाजपा विधायक
पश्चिम बंगाल में अगले साल होने वाले चुनाव को लेकर पहले से ही माहौल गर्म है। बिहार जीत से उत्साहित भाजपा नेतृत्व पहले ही पश्चिम बंगाल चुनाव को लेकर कई बयान जारी कर चुका है। ऐसे में शत्रुघ्न सिन्हा के इस बयान ने उन्हें एक बार फिर से ममता सरकार पर हमला करने का मौका दे दिया। सिन्हा के बयान पर भाजपा की विधायक अग्निमित्रा पॉल ने दावा किया कि आसनसोल सांसद के इस बयान ने तृणमूल कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व के भीतर मौजूद दरार और नेताओं की नाराजगी को उजागर कर दिया है। उन्होंने कहा, “टीएमसी का सिन्हा को राज्य के बाहर से लाना और किसी ऐसे व्यक्ति को चुनना जो कि इस सीट से सांसद के रूप में अपना काम कर पाने में असमर्थ रहा हो। यह उनके ऊपर भारी पड़ा है।”
क्या कहा था सिन्हा ने?
बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए की भारी जीत के बाद शत्रुघ्न सिन्हा से सोशल मीडिया साइट एक्स पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तारीफ करते हुए उनके साथ कई तस्वीरें भी साझा की थी। इतना ही नहीं सिन्हा ने अपने इस पोस्ट में ममता बनर्जी, शशि थरूर, अरविंद केजरीवाल समेत कई नेताओं को भी टैग किया था।
आपको बता दें वर्तमान में आसनसोल से टीएमसी सांसद शत्रुघ्न सिन्हा का राजनीतिक जीवन उथल-पुथल वाला रहा है। वह कई बार पार्टी बदल चुके हैं। अभिनेता से नेता बने सिन्हा 1996 से 2008 तक राज्यसभा सांसद रहे। इस दौरान वह अटल बिहारी सरकार में मंत्री भी रहे। 2009 के लोकसभा चुनाव में वह बिहार की पटना साहिब सीट से लोकसभा के लिए चुने गए। इसके बाद वह भाजपा से लगातार दूर होते गए और कांग्रेस पार्टी के साथ चले गए। हालांकि, यहां पर उनका साथ ज्यादा देर तक रहा नहीं और 2022 में आसनसोल लोकसभा उपचुनाव में टीएमसी के टिकट पर जीतकर संसद पहुंचे और 2024 में एक बार फिर इसी सीट से जीत दर्ज की।
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