
शहडोल। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के शाहडोल जिले (Shahdol district) से हैरान करने वाला मामला सामने आया है। शख्स को केवल एक टाइपों एरर (Typo error) की वजह से एक साल से ज्यादा समय तक जेल में रहना पड़ा। दरअसल सुशांत को पिछले साल 4 सितंबर को गिरफ्तार किया गया था और इस साल 9 सितंबर को वह जेल से बाहर आ गए। उनको राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत हिरासत में लिया गया था, लेकिन असल में यह आदेश नीरजकांत द्विवेदी नाम के शख्स के लिए था।
शहडोल के जिला कलेक्टर केदार सिंह (Collector Kedar Singh) ने गलती से असली आरोपी की जगह सुशांत का नाम लिख दिया। अधिकारियों ने इसे केवल एक टाइपिंग की गलती कहकर टालने की कोशिश की। एक रिपोर्ट के मुताबिक जब सुशांत जेल में थे, उस बीच उनकी बेटी का भी जन्म हो गया और पहली बार उन्होंने अपनी बेटी को तब देखा जब वह 6 महीने की हो चुकी थी। उन्होंने दुख जताते हुए कहा, जब मैं जेल में था, तब अनाया ने अपने पहले कदम रखे। कोई भी आदेश, कोई भी पैसा मुझे वह समय वापस नहीं दे सकता।
इस गलत कैद के कारण सुशांत की पत्नी को अकेले संघर्ष करना पड़ा और उनके माता-पिता को केस लड़ने के लिए कर्ज लेना पड़ा। सुशांत का कहना है कि अब इस घटना के कारण उनकी नौकरी की संभावनाएं भी खत्म हो गई हैं। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने कहा, इस मामले में दिमाग का इस्तेमाल नहीं किया गया। इसके बाद कोर्ट ने सुशांत की रिहाई का आदेश दिया और जिला कलेक्टर केदार सिंह को अवमानना नोटिस जारी किया।
कोर्ट ने कलेक्टर को सुशांत को मुआवजे के तौर पर अपनी जेब से 2 लाख रुपये देने का निर्देश भी दिया। कोर्ट ने राज्य सरकार को भी फटकार लगाई कि उसने आदेश को मंज़ूरी देने से पहले उसकी ठीक से जांच क्यों नहीं की।
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