मुंबई। राज्य सरकार में शिवसेना कोटे से मंत्री दादा भुसे (Dada husks) ने कहा है कि महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) ऐसे मुख्यमंत्री रह चुके हैं जो लोगों के दिलों में बसते हैं और लोग उन्हें फिर से राज्य का नेतृत्व करते देखेंगे। उनकी टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब स्थानीय निकाय चुनावों से पहले एक-दूसरे के नेताओं को पार्टी में शामिल करने को लेकर सत्तारूढ़ महायुति में शामिल शिवसेना और भाजपा के बीच संबंधों में तनाव है।
नंदुरबार में स्थानीय निकाय चुनावों के लिए बुधवार को एक रैली को संबोधित करते हुए, स्कूली शिक्षा मंत्री ने कहा, ‘आज भी अगर आप लोगों से पूछें कि उनके दिल में कौन सा मुख्यमंत्री है, तो वे कहेंगे कि एकनाथ जी शिंदे हैं।’ भुसे ने कहा, ‘चिंता मत कीजिए। जो किस्मत में लिखा है, हम फिर से एकनाथ शिंदे को महाराष्ट्र का नेतृत्व करते देखेंगे।’ भुसे ने दावा किया कि शिंदे एक ऐसे मुख्यमंत्री थे जो देर रात तक सभी से मिलते थे और दिन में 20-22 घंटे काम करते थे।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, भुसे ने कहा, ‘महाराष्ट्र ने कभी एकनाथ शिंदे जैसा दुर्लभ मुख्यमंत्री नहीं देखा। उपमुख्यमंत्री अजित पवार भी कह चुके हैं कि राज्य ने कभी ऐसा मुख्यमंत्री नहीं देखा, जिसने इतनी सारी अहम मंजूरियां दी हैं।’
भाजपा के विधायक तानाजी मुटकुले ने शिवसेना के एक विधायक पर गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया कि 2022 में पार्टी टूटने के दौरान उद्धव ठाकरे गुट छोड़कर एकनाथ शिंदे गुट में जाने के लिए उस विधायक ने कथित रूप से रुपये लिए थे। उन्होंने कहा कि कलमनुरी सीट से शिवसेना विधायक संतोष बांगर ने 2022 में पाला बदलने के लिए 50 करोड़ रुपये लिए थे।
मुटकुले ने संवाददाताओं से कहा कि बांगर ने पहले लोगों से ठाकरे से दूरी न बनाने का आग्रह किया था, लेकिन रातोंरात उन्होंने अपना रुख बदल दिया। यह पूछे जाने पर कि वह महायुति के सहयोगी विधायक के खिलाफ आरोप क्यों लगा रहे हैं तो मुटकुले ने कहा कि बांगर उनके सहयोगी नहीं हैं और न ही कभी होंगे, क्योंकि वे अलग-अलग विचारधाराओं के हैं। बांगर ने भी मुटकुले के खिलाफ भी आलोचनात्मक टिप्पणी की।
संयम बरतने की सलाह
खरीद-फरोख्त के आरोपों को लेकर बढ़ती दरार के बीच पार्टी सूत्रों ने गुरुवार को कहा कि भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने महाराष्ट्र के नेताओं को संयम बरतने की सलाह दी है। निर्देश में सुझाव दिया गया है कि पार्टी मुंबई नगर निगम चुनावों की घोषणा होने तक सावधानीपूर्वक प्रतीक्षा एवं निगरानी का दृष्टिकोण अपना सकती है।
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