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इंडियन एयरस्पेस में उड़ान भरेंगे पाकिस्तानी विमान, 4 घंटे में चौपट हो गया PAK का एजेंडा

December 02, 2025

नई दिल्ली. भारत (India) ने पाकिस्तान (Pakistan) को अपना एयरस्पेस (airspace) इस्तेमाल करने की तात्कालिक इजाजत दी है. ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) के बाद दोनों देशों के बीच ये अहम घटनाक्रम है. पाकिस्तान ने अबतक भारतीय विमानों (Indian aircraft) को अपना एयरस्पेस यूज करने की इजाजत नहीं दी है. हालांकि भारत का ये कदम श्रीलंका में आए भीषण बाढ़ से जुड़ा है. पाकिस्तान श्रीलंका को राहत सामग्री भेजना चाहता था. इसके लिए पाकिस्तानी विमानों का भारत के एयरस्पेस से गुजरना जरूरी है.

भारत ने मानवीय आधार पर पाकिस्तान के विमानों को ये इजाजत दे दी है. न्यूज एजेंसी  के अनुसार भारत ने बाढ़ प्रभावित श्रीलंका जा रही पाकिस्तान की मानवीय सहायता फ़्लाइट को तेजी दिखाते हुए ओवरफ़्लाइट क्लियरेंस दे दिया है.


हालांकि यहां भी पाकिस्तानी मीडिया ने अपनी आदत के मुताबिक भारत के खिलाफ दुष्प्रचार करना चाहा. पाकिस्तानी मीडिया ने दावा किया था कि नई दिल्ली ने अपने एयरस्पेस में पाकिस्तानी विमानों को आने से मना कर दिया था. भारत के अधिकारियों ने कहा कि रिक्वेस्ट कुछ ही घंटों में प्रोसेस कर दी गई क्योंकि इसमें जरूरी राहत ऑपरेशन शामिल थे.

भारत ने पाकिस्तान की ओर से किए गए ऑनलाइन दावों को भी खारिज कर दिया कि भारत ने एयरस्पेस देने से इनकार कर दिया था. पाकिस्तानी प्रोपगैंडा को खारिज करते हुए नई दिल्ली ने कहा कि पाकिस्तानी दावों से उलट भारत ने मानवीय सहायता ले जा रहे इन विमानों को क्लीयरेंस देने में तेजी दिखाई थी.

भारतीय अधिकारियों के अनुसार पाकिस्तान ने 1 दिसंबर को दोपहर करीब 1:00 PM (IST) पर भारतीय एयरस्पेस में उड़ान भरने की उसी दिन की परमिशन के लिए अपनी फॉर्मल रिक्वेस्ट दी थी. चार घंटे बाद इसे क्लियरेंस दे दिया गया.

भारतीय अधिकारियों ने कहा, “पाकिस्तान ने सोमवार करीब 1 बजे हमें ओवरफ्लाइट के लिए आधिकारिक निवेदन दिया. जिसमें उसी दिन यानी 1 दिसंबर 2025 को इंडियन एयरस्पेस के ऊपर से उड़ने की परमिशन मांगी गई थी. यह देखते हुए कि रिक्वेस्ट श्रीलंका को मानवीय मदद से जुड़ी थी, भारत सरकार ने रिक्वेस्ट को जल्दी से क्लियर कर दिया और आज 1730 बजे आधिकारिक चैनल के जरिए पाकिस्तान सरकार को इस बात की जानकारी दे दी. इसे सबसे कम 4 घंटे के नोटिस पीरियड में प्रोसेस किया गया.”

श्रीलंका में बाढ़ का संकट
श्रीलंका में चक्रवात दित्वाह ने भारी तबाही मचाई है. 28 नवंबर को बंगाल की खाड़ी से तट पर पहुंचा यह चक्रवात तेज हवाओं और मूसलाधार बारिश लेकर आया, जिससे पूरे देश में बाढ़ और भूस्खलन की स्थिति उत्पन्न हो गई. यह इस दशक की सबसे भयानक बाढ़ है, जो 2004 के सुनामी के बाद सबसे बड़ी प्राकृतिक आपदा बताई जा रही है. इस बाढ़ की अबतक 355 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 366 लोग लापता हैं. इस आपदा को देखते हुए श्रीलंका में राष्ट्रीय आपातकाल घोषित कर दिया गया है.

पीएम मोदी ने मदद के लिए बढ़ाया हाथ
श्रीलंका में बाढ़ की विभीषिका को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके से फोन पर बात की और तूफान से हुई “जानमाल की हानि और बड़े पैमाने पर तबाही” पर दुख जताया और ऑपरेशन सागर बंधु के तहत और मदद का वादा किया.

उन्होंने बताया कि भारत “जरूरत के इस समय में श्रीलंका के लोगों के साथ मजबूती से खड़ा है और उनका साथ देता है. ” राष्ट्रपति दिसानायके ने भारत की बचाव टीमों, नौसेना की मदद और इमरजेंसी सप्लाई भेजने के लिए बहुत शुक्रिया कहा और कहा कि पूरे देश में इस जवाब की तारीफ हुई है.

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