
नई दिल्ली । कर्नाटक (Karnataka) में हो रहे बुलडोजर ऐक्शन (Bulldozer action) की चर्चा दिल्ली तक है। सीएम पद को लेकर चल रही खींचतान के बीच हुए 20 दिसंबर को कोगिलू लेआउट में हुए बुलडोजर ऐक्शन और कई परिवारों की बेदखली को लेकर कर्नाटक मुख्यमंत्री सिद्धारमैया (Chief Minister Siddaramaiah) और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार (Deputy Chief Minister DK Shivakumar) एक ही पक्ष में है। इतना ही नहीं इस ऐक्शन की आलोचना करने पर दोनों ने ही केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन को तीखा जवाब भी दिया है।
केरल के मुख्यमंत्री को जवाब देते हुए सीएम सिद्धारमैया ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर अपनी बात रखी। उन्होंने लिखा,”येहलंका के पास कोगिलू लेआउट में कचरे वाली जगह पर कई लोगों ने अपनी निजी झोपड़ियां खड़ी कर ली थी। यह जगह इंसान के रहने के लिए बिल्कुल सही नहीं है, कई बार नोटिस जारी करने के बाद भी इन परिवारों ने जगह को खाली करने के बारे में कोई ध्यान नहीं दिया। ऐसी परिस्थिति में यह ऐक्शन जरूरी था।”
सिद्दारमैया ने कहा, “इस मामले पर ग्रेटर बेंगलुरू अथॉरिटी के आयुक्त से बात की गई है। विस्थापित लोगों के खाने, रहने और अन्य जरूरतों का ध्यान रखने को कहा गया है।”
विजयन को आड़े हाथों लेते हुए सिद्धारमैया ने कहा, “बुलडोजर न्याय और अवैध अतिक्रमणों को कानूनी रूप से हटाने में बुनियादी अंतर है। विजयन द्वारा की जा रही आलोचना राजनीतिक रूप से प्रेरित है और उनमें तथ्यात्मक कमी को दर्शाती है।
केरल सीएम को सबसे पहले डिप्टी सीएम शिवकुमार ने जवाब दिया। उन्होंने कहा, “केरल मुख्यमंत्री जो कुछ कर रहे हैं, वह केवल राजनीतिक बयान बाजी है। तथ्यों को जाने बिना पिनरई विजनय को हमारे राज्य के मामलों में दखल नहीं देना चाहिए। यह सब चुनावी समय की राजनीतिक चालें हैं।”
उन्होंने कहा, “कुछ लोगों ने सरकारी जमीन पर अतिक्रमण कर लिया था। यह कचरा फेंके जाने की जगह है। यहां एक पत्थर की खदान भी थी। यह जगह बहुत खतरनाक है। लोगों की स्वास्थ्य संबंधी परेशानी को भी बढ़ा सकती है। इन लोगों ने यहां पर अवैध रूप से कब्जा करने की कोशिश की है। यह भूमि हड़पना है। ऐसे में कार्रवाई जरूरी थी।” हालांकि डिप्टी सीएम न इस बात पर भी जोर दिया कि पात्र लोगों को सरकार नियमों के अनुसार जगह उपलब्ध कराएगी।
क्या कहा था विजयन ने?
इस मुद्दे को लेकर केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन ने कर्नाटक की कांग्रेस सरकार की आलोचना की थी। उन्होंने लिखा, “बेंगलुरू में फकीर कॉलोनी और वसीम लेआउट को बुलडोजर से ढ़हाना, जहां वर्षों से मुस्लिम परिवार रह रहे थे, बुलडोजर राज्य की निशानी है। यह देखना दुखद है ही राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की अल्पसंख्यक विरोधी राजनीति अब कर्नाटक की कांग्रेस सरकार में लागू की जा रही है।”
विजयन का बयान इस समय क्यों?
केरल के मुख्यमंत्री का कर्नाटक में किसी घटना पर बयान देना सामान्य नहीं है। क्योंकि राजनेता ऐसे मामलों में सतर्कता बरतने की कोशिश करते हैं। लेकिन 2026 में केरल में चुनाव होने वाले हैं, जिसमें पी. विजयन के सामने सबसे बड़ी चुनौती कांग्रेस ही है। ऐसे में कई विशेषज्ञ इसे विजयन की चुनावी तैयारी और कांग्रेस पर हमला करने की नीति से भी जोड़ रहे हैं। इससे पहले विजयन ने एक मंदिर के सिलसिले में आरोपी माने जा रहे एक शख्स की प्रियंका गांधी से मुलाकात पर भी सवाल उठाए थे।

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