
कोरोना से निजात पाने के बाद भी आइसोलेशन जरूरी
इन्दौर। अभी विदेशों से लौटने वाले हवाई यात्रियों को 7 दिन होटलों में आइसोलेशन में रखा जाता है, जिसका शुल्क भी यात्री ही चुकाता है। अब उसी तर्ज पर होम आइसोलेशन के साथ-साथ होटल आइसोलेशन की भी सुविधा ए सिम्टोमैटिक कोरोना पॉजिटिव मरीजों को देने पर प्रशासन द्वारा विचार किया जा रहा है। इंदौर में होम आइसोलेशन का प्रयोग भी दिल्ली की तरह सफल रहा है और अभी भी 200 से अधिक मरीजों का इलाज होम आइसोलेशन में ही चल रहा है।
अभी लगातार कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है, जिसके चलते प्रशासन ने 28 निजी हॉस्पिटलों को भी 15 प्रतिशत बेड कोरोना मरीजों के लिए आरक्षित रखने के निर्देश दिए। वहीं पहले से सरकारी के अलावा अरबिंदो और इंडेक्स में भी मरीजों का नि:शुल्क इलाज कराया जा रहा है। वहीं चोइथराम सहित अन्य अस्पतालों में सशुल्क इलाज की सुविधा है। इसके अलावा जो ए सिम्टोमैटिक मरीज मिल रहे हैं, जिनमें कोरोना पॉजिटिव होने के बावजूद किसी तरह की दिक्कत नहीं है उन्हें होम आइसोलेशन में ही रखवाया जा रहा है। जिन लोगों के पास बड़े मकान, फ्लैट हैं, जहां अलग-अलग कमरे और उसके साथ ही अटैच टॉयलेट है, वहां होम आइसोलेशन की मंजूरी दी जा रही है। लेकिन कई लोग ऐसे हैं, जो अगर होटल में भी आइसोलेट होना चाहें या उनके घर में पर्याप्त जगह नहीं है तो उनके लिए शहर की कुछ चुनिंदा होटलों में पैड आइसोलेशन की सुविधा दी जा सकती है। इसके लिए होटल एसोसिएशन से चर्चा चल रही है और निजी हॉस्पिटल की तुलना में कम खर्च में ही ये पैड आइसोलेशन दिया जा सकता है। यह योजना बड़े शहरों में शुरू भी कर दी गई है।
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