
भोपाल। कोरोना काल में जहां नए-नए नवाचार हो रहे हैं, इसी क्रम में आयुक्त भू-अभिलेख एवं बंदोबस्त ने किसानों को खसरा-खतौनी की नकल के लिए ऑनलाइन व्यवस्था लागू कर दी है। आज से विभागीय पोर्टल के जरिए किसानों को ऑनलाइन प्रमाणित कॉपियां मिलेंगी। खास बात यह है कि अब नकल के लिए पटवारियों के चक्कर नहीं लगाने होंगे। अभी तक जमीन की नकल देने में पटवारियों रोल रहता था, जो अब खत्म हो गया है। शासन के निर्देशानुसार प्रदेश के ज्यादातर जिलों में यह व्यवस्था आज से शुरू हो गई है। इसके लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा। मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता नियम-2020 के नियम 94 और 105 के तहत इलेक्ट्रॉनिक स्वरूप में उपलब्ध अभिलेखों की प्रमाणित प्रतिलिपियों को प्राधिकृत वेब पोर्टल और प्राधिकृत सेवा प्रदाता के जरिए जारी किया जाना है। इसमें नए अभिलेख वे होंगे जिन्हें रिकॉर्ड रूम से स्कैन कर भू-अभिलेख पोर्टल पर अपलोड किया जा चुका है। साथ ही इसमें आरसीएमएस पोर्टल पर उपलब्ध राजस्व प्रकरणों में पारित आदेश की प्रति होगी।
फीस देकर कहीं से भी ले सकेंगे नकल
लोगों को पुराने अभिलेखों की प्रमाणित प्रतिलिपि तत्काल कहीं से भी ऑनलाइन मिल सकेगी। लोक सेवा केंद्र, एमपी ऑनलाइन, तहसील कार्यालय के आइटी सेंटर और ऑनलाइन माध्यम से अभिलेखों की प्रतिलिपि प्राप्त की जा सकती है। इसके लिए प्राधिकृत वेबसाइट है। इस वेबसाइट पर पब्लिक यूजर पंजीकृत होगा। इसके बाद वह निर्धारित शुल्क चुकाकर चाहा गया दस्तावेज प्राप्त कर सकेगा। पंजी के अभिलेख के लिए पहले पृष्ठ की नकल के लिए 30 रुपये और अतिरिक्त पृष्ठ के लिए 15 रुपए की फीस तय की गई है।
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