
नई दिल्ली । पश्चिम बंगाल (West Bengal) की राजनीति में गलत पहचान का एक अजीब मामला सामने आया है, जहां हुमायूं कबीर (Humayun Kabir) ने मुर्शिदाबाद (Murshidabad) में बाबरी मस्जिद शैली (Babri Masjid) की एक मस्जिद की नींव रखी। मगर, 200 किलोमीटर दूर पश्चिम मेदिनीपुर के डेबरा में समान नाम वाले दूसरे विधायक को चंदा के लिए करीब 200 फोन आए। तृणमूल कांग्रेस के निलंबित विधायक ने शनिवार को मुर्शिदाबाद के रेजिनगर क्षेत्र के बेलडांगा में प्रस्तावित मस्जिद के लिए चंदे की अपील की, तो उन्होंने शायद ही सोचा होगा कि इसके बाद उनकी पार्टी के सहयोगी, डेबरा के विधायक को फोन आने लगेंगे। पिछले दो दिन से डेबरा विधायक के मोबाइल फोन पर विभिन्न राज्यों से अजनबियों के फोन लगातार आ रहे हैं, जिनमें से अधिकांश एक ही अपील कर रहे हैं कि मस्जिद के लिए दान को लेकर क्यूआर कोड दीजिए।
डेबरा के विधायक ने बताया, ‘पिछले एक सप्ताह से मुझे मुर्शिदाबाद के हुमायूं कबीर के लिए लगातार आने वाले कॉल और संदेशों को सुनने में काफी दिक्कत हो रही है। यह गलत पहचान का मामला है।’ भारतीय पुलिस सेवा के पूर्व अधिकारी ने कहा, ‘कॉल करने वाले लगभग सभी लोग मुर्शिदाबाद मस्जिद के लिए पैसे भेजना चाहते हैं। मुझे बार-बार समझाना पड़ रहा है कि मैं मुर्शिदाबाद वाला हुमायूं कबीर नहीं हूं। मैं अलग शख्स हूं, हालांकि हम दोनों ही टीएमसी विधायक हैं, जब तक कि पिछले हफ़्ते उन्हें निलंबित नहीं कर दिया गया।’ उन्होंने बताया कि बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, मुंबई, हरियाणा, राजस्थान और यहां तक कि विदेशों से भी फोन आ रहे हैं।
मस्जिद के लिए कितना मिला चंदा
वहीं, टीएमसी से निलंबित भरतपुर के विधायक हुमायूं कबीर के सहयोगियों के अनुसार, शनिवार को आयोजन स्थल पर 11 बड़े दान पात्र रखे गए थे। रविवार शाम तक चार दानपात्र और नकदी से भरी एक बोरी को गिनती के लिए खोला गया, जिसमें 37.33 लाख रुपये नकद मिले। क्यूआर कोड के जरिए ऑनलाइन चंदे के रूप में अब तक 93 लाख रुपये प्राप्त हो चुके हैं।
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