
नई दिल्ली । आप के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा (AAP’s Rajya Sabha MP Raghav Chadha) एशियन लीडरशिप कॉन्फ्रेंस (Asian Leadership Conference) में संबोधित करेंगे (Will Address) ।
आम आदमी पार्टी (आप) के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा को दक्षिण कोरिया की राजधानी सियोल में आयोजित होने जा रहे एशियन लीडरशिप कॉन्फ्रेंस (एएलसी) 2025 में बतौर मुख्य वक्ता आमंत्रित किया गया है। यह सम्मेलन 21-22 मई 2025 को आयोजित होगा और इसे एशिया का ‘दावोस’ भी कहा जाता है। जहां वे अपनी शानदार नीतिगत समझ, युवा जोश और गवर्नेंस में इनोवेशन के साथ-साथ भारत की ताकत और विजन को दुनिया के सामने रखेंगे। इस विश्व-प्रसिद्ध एशियन लीडरशिप कॉन्फ्रेंस में दुनिया के तमाम बड़े लीडर शिरकत करते हैं, जो एशिया की सबसे बड़ी चुनौतियों और उनके समाधानों पर बात करते हैं।
चोसुन मीडिया और सेंटर फॉर एशिया लीडरशिप के सहयोग से आयोजित एशिया का सबसे बड़े मंच प्रतिष्ठित एशियन लीडरशिप कॉन्फ्रेंस में राजनीति, बिजनेस, शिक्षा और समाज से जुड़े 320 से ज्यादा ग्लोबल लीडर्स और 2,500 से ज्यादा लोग एकत्र होंगे। इस कॉन्फ्रेंस की अहमयित का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इससे पहले पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और जॉर्ज डब्ल्यू बुश, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की, ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन और डेविड कैमरन, नेटफ्लिक्स के सीईओ रीड हेस्टिंग्स और ब्लैकस्टोन के सीईओ स्टीव श्वार्जमैन जैसे लोग इस कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर चुके हैं।
वहीं इस बार सांसद राघव चड्डा ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, एशिया फाउंडेशन की प्रेसिडेंट लॉरेल ई. मिलर, ऑस्ट्रेलिया के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी एबॉट, मिलकेन इंस्टीट्यूट की वाइस प्रेसिडेंट लॉरा लेसी, अमेरिका के पूर्व विदेश मंत्री माइक पोंपियो, रैंड के इकनॉमिक स्ट्रैटेजी यूनिट के डायरेक्टर डैनियल एगेल, हार्वर्ड सेंटर फॉर पब्लिक लीडरशिप के फाउंडर डीन विलियम्स, और कनाडा इंटरनेशनल साइंटिफिक एक्सचेंज प्रोग्राम की डायरेक्टर शॉना नोवाक जैसे बड़े नेताओं के साथ मंच साझा करेंगे।
खास बात यह है कि इस बार एशियन लीडरशिप कॉन्फ्रेंस (एएलसी 2025) का थीम सबजेक्ट “राष्ट्रों का उदय: बड़ी तरक्की की राह” रखा गया है। जो दक्षिण कोरिया की आजादी की 80वीं सालगिरह और कोरियाई युद्ध की 75वीं सालगिरह के मौके पर आयोजित की जा रही है। इस बार इस इवेंट में हेल्थ, क्लाइमेट और जियोपॉलिटिकल कॉन्फ्लिक्ट जैसे मुद्दों पर बात होगी, ताकि इनसे निपटने के तरीके खोजे जा सकें।
एशियन लीडरशिप कॉन्फ्रेंस 2025 में सांसद राघव चड्ढा इन प्रमुख विषयों पर अपने विचार विश्व पटल पर रखने जा रहे हैं। इसमें “न्यू पॉलिटिकल लीडरशिप: एशिया में गवर्नेंस को बदलते युवा लीडर” विषय पर वह बताएंगे कि कैसे 33 साल की उम्र में राघव चड्ढा राज्यसभा के सबसे युवा सांसद बने। कम उम्र में अपने राजनीतिक सफर और सफलताओं के अलावा गवर्नेंस पॉलिसी में अपनी समझ को लेकर वह अपने विचार दुनिया के साथ साझा करेंगे। वह बताएंगे कि कैसे युवा देश की राजनीति का हिस्सा बन सकते हैं और गवर्नमेंट सिस्टम को कैसे आगे बढ़ाने में मदद कर सकते हैं।
इसके अलावा सांसद राघव चड्ढा “हेल्थ, क्लाइमेट और कॉन्फ्लिक्ट के दौर में कैसे देशों को क्राइसिस से बचाया जाए” विषय पर भी अपने विचार साझा करेंगे। जिसमें वह बताएंगे कि कैसे दिल्ली में ‘आप’ सरकार में रहते हुए मोहल्ला क्लीनिक जैसे प्रोजेक्ट्स के जरिए हेल्थ सर्विसेज को बेहतर किया, जिसका कोविड-19 के दौरान बड़ा फायदा हुआ। साथ ही, साफ पानी और स्वच्छता सुनिश्चित करने के उनके प्रयासों ने दिल्ली के लोगों के स्वास्थ्य जोखिमों को कम किया, जिससे सभी के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य और सुरक्षा मजबूत हुई।
एशियन लीडरशिप कॉन्फ्रेंस 2025 में शामिल होने को लेकर आप सांसद राघव चड्ढा ने कहा, “ग्लोबल लीडर्स के बीच भारत और उसके युवाओं के प्रतिनिधि के तौर पर शामिल होना मेरे लिए गर्व की बात है। एशिया आज बदलाव के मुहाने पर खड़ा है और इस ऐतिहासिक मंच से भारत की सोच और अनुभव साझा करना मेरे लिए एक सम्मान की बात है।” उन्होंने आगे कहा, “ऋषि सुनक, माइक पोंपियो और लॉरा लेसी जैसे बड़े लीडर्स के साथ मंच साझा करना मेरे लिए बड़े सम्मान और जिम्मेदारी की बात है। यह भारत की कहानी, इनोवेशन, यंग लीडरशिप, डेमोक्रेसी और ग्लोबल कोऑपरेशन को एशिया के प्रतिष्ठित मंच पर दिखाने का शानदार मौका है।”
खास बात ये है कि सांसद राघव चड्ढा को हाल ही में ग्लोबल इकनॉमिक फोरम (डब्लूईएफ ) ने यंग ग्लोबल लीडर ( वाईजीएल) चुना गया है। यह सम्मान विश्व के उन 40 वर्ष से कम उम्र के नेताओं को दिया जाता है जो बेहतर भविष्य के निर्माण में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। सांसद राघव चड्ढा अपनी पॉलिसी नॉलेज, यंग लीडरशिप और गवर्नेंस में इनोवेशन के लिए जाने जाते हैं। दिल्ली सरकार में रहते हुए उन्होंने हेल्थ, पानी और फाइनेंस जैसे क्षेत्रों में बड़े रिफॉर्म्स भी किए हैं।
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