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इन राज्यों के 9 मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन पर रोक, जानें वजह

नई दिल्ली: कई राज्यों में नीट यूजी काउंसलिंग के लिए रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया चल रही है, तो वहीं कई राज्यों में समाप्त हो गई है. देश के विभिन्न राज्यों के 159 मेडिकल काॅलेजों में से 9 में एमबीबीएस एडमिशन पर अभी भी रोक है. इन काॅलेजों में एमबीबीएस की करीब 1500 सीटें हैं. इनमें यूपी और बिहार के काॅलेज भी शामिल हैं. ये मेडिकल काॅलेज विभिन्न राज्यों में हैं और इनमें प्राइवेट या ट्रस्ट की ओर से चलाए जा रहे काॅलेज शामिल हैं. इनमें 2 तमिलनाडु, 2 कर्नाटक, एक पंजाब, एक महाराष्ट्र, 1 पंजाब, 1 उत्तर प्रदेश, 1 राजस्थान और 1 बिहार में हैं.

हालांकि एनएमसी देश में संचालित किए जा रहे मेडिकल कॉलेजों की जांच समय-समय पर करता रहता है लेकिन यह मुद्दा इस साल की शुरुआत में तब सामने आया, जब कमियां पाए जाने पर एनएमसी ने 150 कॉलेजों की या तो मान्यता रद्द कर दी या उन्हें नोटिस भेज दिया. मान्यता रद्द किए गए कॉलेजों में जांच के दौरान कई कमियां पाई गई थी. जैसे की पर्याप्त मरीज और स्टाफ न होने, नए कैमरे और बायोमेट्रिक उपस्थिति-आधारित प्रणाली को लागू न करना आदि.

NMC या स्वास्थ्य मंत्रालय में अपील के बाद अधिकांश कॉलेजों को फिर से मान्यता देकर बहाल कर दिया गया है. इन काॅलेजों को फिर से बहाल इसलिए किया गया है क्योंकि इन्होंने अपनी कमियों को दूर कर लिया. जैसे कि कुछ कॉलेजों ने कोविड-19 के बाद से बायोमेट्रिक सिस्टम पर उपस्थिति दर्ज करना बंद कर दिया था. कुछ कॉलेजों में पर्याप्त संकाय सदस्य नहीं थे.


इस तरह के घटनाक्रम ऐसे समय में सामने आए हैं, जब एनएमसी अस्पतालों में कैमरों, आधार-आधारित बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली और अस्पताल के स्वास्थ्य प्रणाली प्रबंधन डेटा का उपयोग करके मेडिकल कॉलेजों की निरंतर निगरानी की एक नई प्रणाली विकसित करने की कोशिश कर रही है.

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार एनएमसी के अधिकारी ने कहा कि कुछ कॉलेजों में अभी भी बड़ी कमियां पाई गईं हैं. यदि किसी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मरीजों और संकाय सदस्यों की कमी इस हद तक है कि उसे तुरंत ठीक नहीं किया जा सकता है, तो उन्हें वर्तमान बैच के लिए एडमिशन लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी.

एनएमसी अधिकारी ने स्पष्ट किया कि, जो कॉलेज 21 सितंबर को चौथे और अंतिम दौर की काउंसलिंग शुरू होने तक अपनी कमियों में सुधार करते हैं. उन्हें अभी भी वर्तमान बैच के लिए छात्रों को प्रवेश देने की अनुमति नहीं दी जाएगी. यह पहली बार है कि देश भर के सरकारी और निजी कॉलेजों में 1 लाख से अधिक एमबीबीएस सीटें छात्रों के लिए उपलब्ध हैं, जो 2014 में 53,000 उपलब्ध सीटों से अधिक है.

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