
नई दिल्ली। जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar’) के उपराष्ट्रपति पद (Vice President post) से इस्तीफे (Resign) के बाद अटकलों का दौर जारी है। हालांकि, उन्होंने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए पद छोड़ा है, लेकिन इस फैसले की टाइमिंग को लेकर विपक्ष सरकार को घेर रहा है। अब खबरें हैं कि राज्यसभा में जस्टिस यशवंत वर्मा (Justice Yashwant Verma) के खिलाफ महाभियोग लाने वाले विपक्ष के नोटिस को स्वीकारने के कुछ देर बाद ही दो बड़े केंद्रीय मंत्रियों ने धनखड़ से बात की थी।
रिपोर्ट के अनुसार, मामले के जानकार बताते हैं कि दोनों में से एक केंद्रीय मंत्री ने संकेत भी दिए थे कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) इस फैसले से खुश नहीं हैं। इसपर धनखड़ ने जवाब दिया था कि वह नियमों में रहकर ही काम कर रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा और संसदीय मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने सोमवार को धनखड़ से बात की थी। यह बातचीत हाईकोर्ट जज के खिलाफ लाए गए महाभियोग नोटिस पर धनखड़ की तरफ से राज्यसभा में बोलने के बाद हुई थी। इस नोटिस पर 63 सांसदों ने हस्ताक्षर किए थे।
मामले के जानकार एक शख्स बताते हैं, ‘रिजिजू ने धनखड़ को बताया कि लोकसभा में महाभियोग पर सहमति बनाने की एक प्रक्रिया होती है। उन्होंने कहा कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने नोटिस पर साइन किए हैं। साथ ही उन्होंने ये संकेत भी दिए कि पीएम अचानक हुए इस घटनाक्रम से खुश नहीं हैं।’ जबकि, धनखड़ ने जवाब दिया कि वह सदन के नियमों में रहकर ही काम कर रहे हैं।
खबर है कि राज्यसभा में सोमवार को दोपहर 12 बजकर 30 मिनट पर हुई BAC यानी बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की पहली मीटिंग के बाद हुआ था। जहां शाम 4 बजकर 30 मिनट पर हुई दूसरी BAC मीटिंग में नेताओं ने नहीं जाने का फैसला किया था। एक अन्य रिपोर्ट में बताया गया था कि राज्यसभा में जस्टिस वर्मा के खिलाफ महाभियोग की प्रक्रिया शुरू के फैसले से सरकार हैरान थी। खबर है कि सरकार इस प्रक्रिया को लोकसभा के जरिए करना चाहती थी।
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