
काठमांडू। नेपाल (Nepal) में Gen-Z ने सरकार के विरुद्ध बड़ा आंदोलन (Big Protest against Government) शुरू कर देश के प्रधानमंत्री (Prime Minister) को इस्तीफे के लिए मजबूर कर दिया। प्रदर्शकारियों ने ना सिर्फ देश संसद भवन और सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) को आग के हवाले कर दिया, बल्कि कई मंत्रियों के घरों पर भी धावा बोल दिया। बीते 48 घंटे में हालात बुरी तरह बिगड़ गए। अब नेपाली सेना ने सुरक्षा व्यवस्था को अपने हाथों में ले लिया है, जिसके बाद शांति की उम्मीद की जा रही है। इस बीच नेपाल के युवा बुधवार को एक बार फिर सड़कों पर उतरे हैं, लेकिन इस बार वजह कुछ और है।
बुधवार को ये युवा प्रदर्शन करने नहीं, बल्कि सफाई करने के लिए सड़कों पर उतरे हैं। तमाम अनिश्चितताओं के बीच काठमांडू से कुछ तस्वीरें सामने आई हैं जो उम्मीद की किरण जगा रहे हैं कि नेपाल में एक बार फिर शांति की स्थापना की जा सकती है। काठमांडू पोस्ट ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया कि किस तरह कुछ युवा, जिनमें से कई ने विरोध प्रदर्शनों में भी हिस्सा लिया था, दस्ताने और मास्क पहने, कूड़ेदान लेकर और राजधानी की सड़कों पर झाड़ू लगाते देखे गए।
नेपाल सेना के लॉकडाउन नोटिस से कुछ ही घंटे पहले कीर्तिपुर में जेन Z के कुछ वॉलेंटियर बुधवार सुबह-सुबह सफाई अभियान के लिए सड़कों पर उतर थे। कुछ युवा ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स के जरिए सक्रिय रूप से सफाई अभियान की योजना बना कर लोगों से इसमें हिस्सा लेने की अपील भी कर रहे हैं।
थम गई आग?
इससे पहले हिंसा, आगजनी और मौत के कोहराम के बीच सेना प्रमुख ने आंदोलनकारियों से शांति की अपील की है। हालांकि बीरगंज सहित कई नेपाली शहरों में आंदोलन की आग अब भी धधक रही है। जेल ब्रेक, आगजनी और कर्फ्यू ने आम जनजीवन पर व्यापक प्रभाव डाला है। इस बीच भारत और नेपाल, दोनों देशों की सुरक्षा एजेंसियों ने सामान्य आवाजाही को प्रतिबंधित कर रखा है। गौरतलब है कि सोमवार को काठमांडू में विवादास्पद सोशल मीडिया बैन और भ्रष्टाचार के विरोध में शुरू हुए प्रदर्शन जल्द ही हिंसा में बदल गई थी। सोमवार को सुरक्षा बलों की कड़ी कार्रवाई में कम से कम 19 युवा मारे गए। इसके बाद लोगों का गुस्सा और भड़क गया और उन्होंने कई नेताओं के घर पर आगजनी कर दी। मंगलवार को प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली ने इस्तीफा दे दिया।
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