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कृषि कानून बिल : किसानों की मांग पर PM मोदी का आया ये बड़ा बयान

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नये कृषि कानूनों और किसानों की मांगों के संबंध में लोगों से केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और पीयूष गोयल की बात सुनने की अपील की है। प्रधानमंत्री ने दोनों मंत्रियों की प्रेसवार्ता का वीडियो शेयर करते हुए शुक्रवार को एक ट्वीट किया जिसमें उन्होंने उनकी बातों को सुनने की अपील की। प्रधानमंत्री ने प्रेसवार्ता का वीडियो शेयर करते हुए ट्वीट में कहा, मंत्रिमंडल के मेरे दो सहयोगी नरेंद्र सिंह तोमर जी और पीयूष गोयल जी ने नए कृषि कानूनों और किसानों की मांगों को लेकर विस्तार से बात की है। इसे जरूर सुनें।

सरकार की ओर से किसानों की सारी समस्याओं का सुलझाने और उनकी आशंकाओं को दूर करने को लेकर नौ दिसंबर को भेजे गए प्रस्तावों को किसान यूनियनों द्वारा खारिज करने और आंदोलन तेज करने का आह्वान करने के एक दिन बाद दोनों मंत्रियों ने प्रेसवार्ता में उनसे बातचीत के लिए मेज पर आने की अपील की। तोमर ने कहा कि मोदी सरकार कृषि के क्षेत्र में निजी निवेश खेत तक पहुंचाने और खेती-किसानी को बढ़ावा देने की दिशा में काम कर रही है और नए कृषि कानून के लागू होने से देश के किसानों को अपनी फसल बेचने के लिए पहले से मौजूद मंडियों के अलावा अन्य विकल्प भी मिलेंगे। कांट्रैक्ट फार्मिग से जुड़े कानून से किसान महंगी फसलों की खेती करने के प्रति उत्साहित होंगे, जिससे उनकी आमदनी बढ़ेगी।

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देकर किसानों की आमदनी दोगुनी करने के को लेकर प्रतिबद्ध है। मंत्री ने कहा कि कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए लाए गए नए कानूनों से किसानों को फायदा होगा, इसलिए किसानों को इसे वापस लेने की मांग त्याग कर इसके फायदे के बारे में विचार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसानों को इन कानूनों से संबंधित जो भी शंकाएं हैं, उनका समाधान करने के लिए सरकार तैयार है।

नये कृषि कानून से किसानों के सामने खड़ी होने वाली समस्याओं को लेकर सरकार के साथ किसान यूनियनों के प्रतिनिधियों की प्रस्तावित छठे दौर की वार्ता से एक दिन पहले आठ दिसंबर को उन्होंने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के आमंत्रण पर उनसे मुलाकात की। इस मुलाकात के दौरान हुई बातचीत के मुताबिक किसान नेताओं को सरकार की ओर से किसानों के हर मुद्दे को चिन्हित कर उस पर प्रस्तावों का एक मसौदा भेजा गया। सरकार की ओर से दिए गए प्रस्तावों में नये कानूनों से राज्यों में कृषि उपज विपणन समितियों द्वारा संचालित मंडियों के कारोबार को बेअसर बनाने के उपायों और न्यूनतम समर्थन मूल्य यान एमएसपी पर फसलों की खरीद जारी रखने का आश्वासन दिया गया है। इसके अलावा, कांट्रैक्ट फामिर्ंग से संबंधित नये कानून व अन्य मसलों पर विचार प्रस्ताव शामिल है।

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