जीवनशैली स्‍वास्‍थ्‍य

सोते समय क्‍यों नहीं आती छींक, क्‍योंकि दिमाग रहता है कई फेस में, कैसे जानिए

नई दिल्‍ली। छींक (Sneezing) आना कोई बड़ी समस्या नहीं है, शायद ही कोई ऐसा व्‍यक्ति होगा जिसे छींक (Sneezing) नहीं आती हो। यहां तक कि ज्‍यादातर लोगों को तो एक बार में तीन से चार तक छींक आ ही जाती हैं, वैसे भी छींक (Sneezing) आना अच्छी बात है इससे हमारी नाक के अंदर से कीटाणु, डस्ट, और केमिकल्स (Germs, Dust, and Chemicals) बाहर निकल जाते हैं, किन्‍तु इससे अधिक छींक आना एक समस्या भी हो सकती है। दूसरी तरफ अगर आप ध्‍यान दें कि सोते समय हमें छींक क्यों नहीं आती। यह भी सोचने वाली बात है।

दरअसल,  जब आप सो रहे होते हैं तो आपका दिमाग शरीर के रिफेक्स रिस्पॉन्सिस जैसे छींकना और खांसने को बंद कर देता है। तो जब आपके शरीर को छींकना होता है तो वह जाग जाता है। देखा जाए तो हमारा शरीर छींक को दो तरह से रोकता है। और ये इस बार पर निर्भर होता है कि आप नींद के कौन से फेस में हैं।

नींद को दो फेज में बांटा जाता है- नॉन रैपिड आई मूवमेंट स्लीप (NREM) यानी ये नींद का शुरुआती चरण होता है और रैपिड आई मूवमेंट (REM) स्लीप इस फेज में नींद में आप सपने देखते है। पूरी रात आपकी नींद इन दो फेज में ही घूमती रहती है।

NREM स्लीप के के तीन स्टेज होते हैं।
इसे सबसे हल्की स्लीप स्टेज माना जाता है जो एक से 5 मिनट तक रहती है।
दूसरे स्टेज में जैसे-जैसे आप गहरी नींद में जाते हैं आपका हार्ट रेट और बॉडी टेंप्रेचर कम होने लगता है।
तीसरी स्टेज को नींद की सबसे गहरी स्टेज माना जाता है। इस स्टेज में व्यक्ति काफी गहरी नींद में सोता है और इस दौरान उठना काफी मुश्किल होता है।

NREM स्लीप के दौरान आपके शरीर का रिफेक्स सिस्टम काम करता रहता है, लेकिन ये इस दौरान काफी कम सेंसेटिव होता है। इसी कारण से कभी-कभी आप तेज आवाज में भी गहरी नींद में सो जाते हैं। NREM स्लीप के दौरान आपका दिमाग का ध्यान धूल-मिट्टी जैसे किसी भी कण की तरफ आकर्षित नहीं कर पाता। हालांकि, आप NREM स्लीप की पहली स्टेज में छींकने के लिए जाग सकते हैं वो भी तब अगर आपकी छींक बहुत ज्यादा स्ट्रॉन्ग है तो।

जब आप REM स्लीप में हो तो छींक नहीं सकते क्योंकि जब आप सपने देखते हैं तो मोटर एटोनिया नाम की एक स्थिति आपके शरीर को पैरालाइज्ड कर देती है। आपके सपनों में क्या हो रहा है ये जानने से रोकने के लिए आपका दिमाग आपके शरीर की किसी भी तरह से एक्ट करने की क्षमता को रोक देता है।

रात में छींक आने के क्या हैं कारण
-जब नाक में धूल-मिट्टी के कण घूस जाते हैं तो आपको रात में छींक आती है. इसके पीछे के दो कारण हो सकते हैं.

1. लेटने की अवस्था में नाक के रास्ते में ब्लड का फ्लो बढ़ जाना. जिसकी वजह से म्यूक्स बनता है और छींक आने के चांस बढ़ जाते हैं.
2. यदि आप एलर्जी वाली जगह पर सो रहे हैं तो भी आपको छींक आने के चांस बढ़ जाते हैं. जैसे-
-जानवरों से एलर्जी होने पर
-धूल से एलर्जी
-फूलों से एलर्जी

 

कैसे बचें रात में छींक से
-रात में सोने से पहले अपने कमरे की खिड़की और दरवाजे बंद कर लें. खासकर जब तब आपके आस-पास एलर्जी की वजह हो.

-हफ्ते में एक 1 या 2 बार अपनी बेडशीट जरूर बदलें.

– अगर आपको किसी जानवर से एलर्जी है तो उस अपने बिस्तर से दूर रखें.

-सफाई का खास ख्याल रखें.

-यदि आप सोने से पहले नहाते हैं तो आपके लिए बेहद अच्छा है इससे सारे कीटाणु मर जाते हैं और आप चैन की नींद सोते हैं.

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