
नई दिल्ली । केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव (Union Minister Ashwini Vaishnav) ने कहा कि शिक्षा, स्वास्थ्य और खेती में (In Education, Health and Agriculture) एआई से मदद मिल रही है (AI is helping) ।
मीडिया से बातचीत करते हुए केंद्रीय मंत्री ने सोमवार को कहा, “एआई जमीनी स्तर पर बड़े बदलाव ला रहा है। इससे शिक्षा, स्वास्थ्य और खेती में मदद मिल रही है।” उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा, “राजस्थान के टोंक में एआई की मदद से बच्चों को गणित की पढ़ाई में काफी मदद मिली है और इससे 100 प्रतिशत तक का सुधार हुआ है। इसके अलावा महाराष्ट्र और हिमाचल प्रदेश में भी एआई के काफी सकारात्मक परिणाम देखने को मिले हैं।”
केंद्रीय मंत्री ने आगे बताया कि एआई इम्पैक्ट समिट फरवरी 2026 में भारत में आयोजित होगी। इससे पहले यह लंदन, सोल और पेरिस में भी आयोजित हो चुकी है। इसकी तैयारी के लिए नीति आयोग की ओर से देशभर के सभी जिलों में एआई को लेकर हो रहे काम की समीक्षा की गई है और इसे यहां आयोजित की गई बैठक में सभी के साथ साझा किया गया।
नीति आयोग के सीईओ बीवीआर सुब्रमण्यम ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि एआई का उपयोग उत्पादक क्षमता बढ़ाने के लिए किया जा सकता है। इससे देश में इनोवेशन करने की क्षमता काफी बढ़ सकती है और हमारा देश 8 प्रतिशत की विकास दर को भी प्राप्त कर सकता है। उन्होंने आगे कहा कि अगर हम एआई का सही उपयोग करते हैं तो 2035 तक यह अर्थव्यवस्था में 2 ट्रिलियन डॉलर जोड़ेगा। एआई के इस्तेमाल इंडस्ट्री, ट्रेनिंग और सरकार के लिए काफी फायदेमंद हो सकता है। इसके लिए हम आने वाले समय में रोडमैप भी प्रस्तुत करेंगे। नीति आयोग के सीईओ ने एआई से नौकरियां जाने के सवाल पर कहा कि एआई से उत्पादक क्षमता में इजाफा होगा। यह बिल्कुल वैसा ही होगा, जैसा कि कंप्यूटर के आने के समय हुआ था। इससे नई नौकरियां पैदा होंगी।
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