
रायपुर में मुख्यमंत्री की कांफ्रेंस में बोले थे शाह- हमें राज्यसभा की दूसरी सीट चाहिए
इंदौर। मुझे तो रायपुर में मुख्यमंत्रियों की कांफ्रेंस के दौरान ही अमित शाह ने कह दिया था कि तुम्हारी सरकार जाए तो जाए, हमें तो राज्यसभा की दूसरी सीट चाहिए…भाजपा तोडफ़ोड़ और जोड़तोड़ की राजनीति में इतनी आगे निकल गई है कि उसने सारी नैतिकता, सिद्धांत और मर्यादाओं को ताक पर रख दिया है… हालत यह है कि विपक्ष सरकार चलाए या सरकार बचाए…चुनाव हारने को लेकर सिंधियाजी का दर्द इस कदर गहराया कि वो भी खुद के उसूल नहीं बचा पाए… भाजपा ने देश के सभी तंत्रों पर एक साथ कब्जा कर लोकतंत्र का सफाया कर दिया है…अडिय़ल और अहंंकारी नजरिया कहीं किसानों को कुचल रहा है तो कहीं व्यापार, कारोबार तबाह करने पर तुला है… पेट्रोल-डीजल के दाम आसमान छू रहे हैं…गृहिणियों के गैस के चूल्हे मेें आग लगी है और विरोधियों को कुचलने की राजनीति खतरनाक मोड़ पर चल पड़ी है…
देपालपुर में किसान आंदोलन के लिए पहुंचने से पहले इंदौर विमानतल पर अग्निबाण के संपादक श्री राजेश चेलावत से रूबरू हुए पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ अपने दिल के कई राज खोल गए… बोलने में बेबाक कमलनाथजी को सरकार गंवाने का दर्द तो है, लेकिन उनका कहना था कि वो सौदों की राजनीति में विश्वास नहीं करते… हालांकि सौदा उनके बूते की बात भी नहीं था, बकौल उनके कई विधायकों को करोड़ों रुपए देकर भाजपा ने खरीदा…एक विधायक तो 5 करोड़ लेकर आया और मुझे दिखाए… उन्होंने कहा कि बात राजनीतिक खरीद-फरोख्त तक नहीं है, बल्कि भाजपा ने सारी केन्द्रीय एजेंसियों को सत्ता छीनने और विरोधियों को मिटाने के काम पर लगा दिया है… लोकतंत्र के लिए यह एक आपातकालीन स्थिति है…
शिवराज के खिलाफ कई पत्र आते थे- मैं बंडल बनवाकर उन्हें ही भिजवा देता था
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार में मर्यादा नाम की भी चीज होती है। जब मैं मुख्यमंत्री बना तो शिवराजजी के खिलाफ कई पत्र हर दिन आते थे। कई लोग उन पर सीधे इल्जाम लगाते थे, लेकिन मैं बंडल बनवाकर उन्हीं के पास पहुंचा देता था…बदले की राजनीति के बजाय मैं विकास की राजनीति में विश्वास रखता हूं…उन्होंने कहा कि हमने लंबा राजनीतिक जीवन देखा है, लेकिन भाजपा जैसी रंजिशभरी राजनीति कभी नहीं देखी।
आईफा होता तो इन्दौर सिरमौर बन जाता
उन्होंने कहा कि मैंने अपने मुख्यमंत्रित्वकाल में इन्दौर को शिखर पर पहुंचाने की योजना बना ली थी, इसीलिए इसे देशव्यापी पहचान दिलाना जरूरी था…हमने टीवी अवॉर्ड शो करवाए और इंदौर शहर में फिल्मी दुनिया के अंतरराष्ट्रीय आयोजन आईफा को लेकर आए…यदि यह आयोजन इन्दौर में हो जाता तो पूरा देश एक नए नजरिए से इन्दौर में व्यावसायिक संभावनाएं खोजने लगता, लेकिन भाजपा ने इस नजरिए में भी खोट ढूंढ ली।
सरकार बचाएं या सरकार चलाएं…
उन्होंने कहा कि भाजपा की खरीद-फरोख्त की नीति के चलते विपक्षी दलों को सरकार चलाना मुश्किल हो गया है… मध्यप्रदेश में सरकार गिराने के बाद राजस्थान में मिली असफलता उन्हें पच नहीं रही है…अब भी वे राजस्थान के नेताओं को खरीदने के प्रयास में जुटे हैं…वहीं झारखंड में भी मोल-भाव के प्रयास किए जा रहे हैं… प्रदेशों के मुखिया दिन-रात इस सेंधमारी की आहट सूंघने में लगे रहते हैं यहां तक कि केन्द्रीय नेता भी इन परिस्थितियों से परेशान हैं….
किसानों को मिटाना चाहती है सरकार
सरकार ने पेट्रोल-डीजल से लेकर गैस सब्सिडी तक खत्म कर हर वर्ग को मुश्किल में डाल दिया है…वहीं अब वह देश के गरीब किसानों को तबाह करने पर तुली है…सरकार किसान और उनके मध्यस्थों का खात्मा कर बाजार पूंजीपतियों को सौंपना चाहती है, ताकि वह उनके मोल-भाव की क्षमता को समाप्त कर उनकी फसल को औने-पौने दाम में खरीदकर असीमित भंडार कर सके…अब तक किसान समर्थन मूल्य के जरिए जहां अपनी फसल का न्यायोचित मूल्य पाता है, वहीं फसल के मूल्यों को स्थिर भी कर पाता है…लेकिन सरकार समर्थन मूल्य ही समाप्त करना चाहती है…
राम को मानते हैं…पर मर्यादा को भूल जाते हैं…
उन्होंने कहा कि भाजपा के नेता यदि राम को मानते हैं तो उनकी मर्यादा को क्यों भूल जाते हैं… भगवान राम ने एक धोबी के आरोप पर पत्नी का त्याग कर दिया था… लेकिन मोदी सरकार लाखों किसानों की चीख-पुकार पर भी कानून वापस लेने को तैयार नहीं है…
पता करें जजों के बच्चे कहां पढ़ रहे हैं
पूर्व मुख्यमंत्री भाजपा पर इतने बौखलाए हुए थे कि वे यह कहने से भी नहीं चूके कि सरकार ने सारे तंत्र को अपने कब्जे में कर रखा है…यहां तक कि अदालतें भी उससे नहीं बची हैं…आरोप लगाते हुए उन्होंने यहां तक कह दिया कि पता करें सुप्रीम कोर्ट के जजों के बच्चे कहां पढ़ रहे हैं…
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