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आंगनवाड़ी केंद्रों का बदलेगा ढर्रा, अब गांव की 10 महिलाएं करेंगी निगरानी

December 08, 2020

  • हर केंद्र पर गठित होंगी दस सदस्यीय सहयोगिनी मातृ समितियां

भोपाल। प्रदेश में आंगनवाड़ी केंद्रों की मौजूदा व्यवस्था में बदलाव होने जा रहा है। केंद्रों की निगरानी के लिए महिलाओं को दायित्व सौंपा जाएगा। इसके लिए हर केंद्र पर 10 महिलाओं की समिति गठित होगी। जिसमें हर उम्र की महिलाएं शामिल होंगी। ग्र्राम स्तर पर संचालित कार्यक्रमों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए सहयोगिनी मातृ समिति का गठन किया गया था। वर्तमान में मैदानी स्तर की परिस्थितियों, योजनाओं के स्वरूप में परिवर्तन को देखते हुए आँगनवाड़ी केन्द्रों पर सहयोगिनी मातृ समिति का पुनर्गठन किया जा रहा है। संचालक महिला बाल विकास श्रीमती स्वाती मीणा नायक ने बताया कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के तहत आँगनवाड़ी केन्द्र की गतिविधियों के सुदृढ़ीकरण, पारदर्शिता एवं जवाबदेही के लिए सतर्कता समिति एवं सोशल ऑडिट व्यवस्था प्रावधानित है। मातृ सहयोगी समिति इस प्रयोजन के लिए सतर्कता समिति के रूप में कार्य करेगी।

समिति के पास होंगे यह दायित्व
सतर्कता समिति द्वारा पूरक पोषण आहारए टेक होम राशन, स्व.सहायता समूह द्वारा प्रदाय कि जाने वाली नाश्ता, भोजन एवं कुपोषित बच्चों के लिए थर्ड मील की निरंतरता और गुणवत्ता की निगरानी एवं सुझाव और मार्गदर्शन का कार्य सम्पादित किया जायेगा। इसके अतिरिक्त समिति टीकाकरण एवं स्वास्थ्य जाँच, समुदाय आधारित गतिविधियों के आयोजन में सहयोग, कुपोषित, गंभीर कुपोषित बच्चों की देखभाल एवं पोषण स्तर की निगरानी का कार्य करेगी।

सेक्टर पर्यवेक्षक होंगे प्राधिकृत अधिकारी
सहयोगिनी मातृ समिति उप समिति के सदस्यों के चयन के लिए संबंधित क्षेत्र की सेक्टर पर्यवेक्षक प्राधिकृत अधिकारी होंगे। समिति का गठन कर पर्यवेक्षक द्वारा इसकी सूचना बाल विकास अधिकारी को दी जाएगी। बाल विकास अधिकारी, जिला कार्यक्रम अधिकारी एवं संभागीय संयुक्त संचालक अपने कार्य क्षेत्रों में समिति गठन कार्यवाही के उत्तरदायी होंगे।

उप समिति का स्वरूप
वार्ड मोहल्ला, टोले, मजरे, फलिया स्तर पर उप समिति गठित की जायेगी। चयनित सदस्यों में से एक सदस्य को अध्यक्ष के रूप में चयनित किया जायेगा। समिति के सदस्यों का कार्यकाल एक वर्ष का रहेगा।

इस तरह गठित होंगी समितियां
प्रत्येक आँगनवाड़ी केन्द्र पर दस सदस्यीय एक मातृ सहयोगिनी समिति होगी। जिसका चयन वार्ड, ग्राम, टोले, मजरे, फलिये आदि के चयनित सदस्यों की उप समिति में से किया जायेगा। आँगनवाड़ी के हितग्राही गर्भवती एवं धात्री अथवा बच्चों के परिवार की महिला सदस्य को नामांकित किया जायेगा। गाँव के पंच प्राथमिकता महिला पंच, वार्ड की पार्षद, ऐसी सक्रिय महिला जो स्वेच्छा से अपनी सहयोग देगी, ग्राम शहरी क्षेत्र की संबंधित शालाओं के शिक्षक, वार्ड स्तरीय अन्य विभागीय समितियों की महिला सदस्यए स्व.सहायता समूह की महिला अध्यक्ष को तीन वर्ष की अवधि के लिए नामांकित किया जायेगा। इसके अतिरिक्त जन्म से 6 वर्ष आयु तक के बच्चों की माता को एक वर्ष के लिए समिति से जोड़ा जायेगा। साथ ही किशोरी बालिका 11 से 17 वर्ष की माता और 19 से 45 आयु वर्ग की महिलाओं को भी एक वर्ष की अवधि के लिए समिति में नामांकित किया जायेगा।

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