
उज्जैन। मध्यप्रदेश के उज्जैन (Ujjain) में महाकाल लोक (Mahakal Lok) में तीन दिन बाद दूसरा हादसा हो गया। महाकाल लोक में सप्त ऋषियों की मूर्तियां (Idols of Sapta Rishis) गिरने के बाद अब गुरुवार दोपहर को नंदी द्वार का कलश (urn of nandi gate) अचानक से गिर गया। घटना के समय वहां से निकल रहे कुछ श्रद्धालुओं बाल-बाल बच गए। जानकारी के लिए आपको बता दें कि, महाकाल लोक में नंदी द्वार स्थित है। इसी में से होकर श्रद्धालु महाकाल लोक में प्रवेश (entering mahakal lok) करते हैं। इसी में लड्डू के आकार के कुछ कलश लगे हैं।
कलश गिरने से परिसर की जमीन में लगी टाइल्स टूट गई। गौरतलब है कि 28 मई को उज्जैन में चली तेज हवाओं के कारण महाकाल लोक में स्थापित सप्त ऋषियों में से 6 ऋषियों की मूर्तियां पेडस्टल से गिरकर खंडित हो गई थी। आज शाम को अचानक द्वार के डिजाइन में लगा कलश टूटकर गिर गया। यह पत्थर का कलश है।
बताया जा रहा है कि मूर्तियां बनाने वाली कंपनी एमपी बाबरिया फर्म पर 10 साल तक इन मूर्तियों की देखरेख की जिम्मेदारी है। कंपनी के कारीगर महाकाल लोक में लगी सप्त ऋषियों की मूर्तियों की मरम्मत शुरू हो गई है। खंडित हिस्सों को दुरुस्त किया जा रहा है। कलर करने के बाद मूर्तियों को फिर से लगाया जाएगा। बताया जा रहा है कि अब आंधी की वजह से फिर से ऐसी स्थिति न बने इसके लिए लोहे के पाइप का मजबूत ढांचा बनाने काम किया जाएगा।
उज्जैन में बनाए गए महाकाल लोक का उद्घाटन पिछले साल अक्टूबर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था। महाकाल मंदिर कॉरिडोर करीब 900 मीटर क्षेत्र में बना है। खास बात ये है कि महाकाल कॉरिडोर का साइज काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर से करीब 4 गुना ज्यादा है। महाकाल लोक के पहले चरण में महाकाल प्लाजा, महाकाल कॉरिडोर, मिडवे झोन, महाकाल थीम पार्क, घाट एवं डेक एरिया, नूतन स्कूल कॉम्प्लेक्स, गणेश स्कूल कॉम्पलेक्स का कार्य पूर्ण हो चुका है।
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