
इन्दौर। बच्चों के लिए भी कोरोना वैक्सीन (Vaccine) को मंजूरी मिल गई है और आने वाले दिनों में उन्हें भी डोज बड़ों की तरह लगाए जाएंगे। हालांकि बच्चों में कोरोना से लडऩे की एंटीबॉडी (Antibody) अच्छी रहती है। यही कारण है कि दूसरी लहर में पूरे परिवार के लोग संक्रमित हुए, मगर बच्चों में इसका कोई असर नहीं देखा गया। यहां तक कि जो सीरो सर्वे बच्चों का कराया गया था उसके अधिकृत परिणाम भले ही घोषित ना किए गए हों मगर सर्वे रिपोर्ट से जाहिर हुआ कि 82 फीसदी तक बच्चों में एंटीबॉडी मिली है। अब इस तरह का एक और सीरो सर्वे आने वाले दिनों में करवाया जाएगा, ताकि तुलनात्मक अध्ययन किया जा सके। अभी डेंगू के मरीज लगातार बढ़ रहे हैं, जो 600 से अधिक हो चुके हैं, उसमें 22 फीसदी डेंगू के मरीज बच्चे भी हुए हैं। हालांकि डेंगू से मरने वालों की संख्या मात्र एक ही बताई जाती है।
कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के बीच यह अंदेशा जताया जा रहा था कि इसका असर बच्चों पर अधिक पड़ेगा, जिसके चलते इंदौर में जहां तीसरी लहर से निपटने के लिए सभी निजी अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट लगवाए, तो सरकारी अस्पतालों में भी यह सुविधा उपलब्ध करवाई। अतिरिक्त बेड, दवाइयों का प्रबंध करवाने के अलावा कलेक्टर मनीष सिंह ने बच्चों के अस्पताल में भी इलाज की बेहतर सुविधा उपलब्ध करवाई। हालांकि डॉक्टरों-विशेषज्ञों का यह लगातार कहना रहा कि बच्चों पर कोरोना संक्रमण का असर घातक नहीं है और अगर वे प्रभावित होते भी हैं तो ए सिम्टोमैटिक ही रहेंगे। दूसरी लहर में भी परिवार के सदस्यों की तुलना में बच्चे बहुत कम संक्रमित हुए और इसकी पुष्टि पहले सीरो सर्वे से हुई भी। हालांकि उसके अधिकृत परिणाम शासन-प्रशासन ने घोषित नहीं किए, मगर 2003 सैम्पल 18 साल तक की उम्र तक के बच्चों के 25 शहरी वार्डों से एकत्रित किए गए थे, जिनमें 200 सैम्पल 4 साल से कम उम्र के बच्चों के, 400 सैम्पल 4 से 10 साल की उम्र के बच्चों और 600 सैम्पल 11 से 15 साल और फिर अन्य सैम्पल 15 से 18 साल के बच्चों के लिए गए। एमजीएम मेडिकल कालेज के डीन डॉ. संजय दीक्षित के मुताबिक दूसरे सीरो सर्वे की भी तैयारी की जा रही है। हालांकि उसकी तारीख अभी तय नहीं की है, मगर आने वाले दिनों में इस सर्वे को करवाया जाएगा। वहीं सूत्रों का कहना है कि जो पहला सीरो सर्वे हुआ उसमें 82 फीसदी तक बच्चों में कोरोना से लडऩे की एंटीबॉडी पाई गई। एक साल से 6 साल के उम्र तक के बच्चों में लगभग 70 फीसदी, तो इससे अधिक उम्र के यानी 7 से 9 साल में 78 प्रतिशत और 10 से 17 साल तक की उम्र वाले बच्चों में 82 फीसदी तक एंटीबॉडी पाई गई। यही कारण है कि आईसीएमआर से लेकर दुनियाभर के कोरोना विशेषज्ञों ने यह कहना शुरू कर दिया कि अब स्कूल खोले जाएं, क्योंकि बच्चों का बहुत नुकसान पढ़ाई से लेकर उनके सामान्य विकास में हो रहा है। हालांकि अभी भी स्कूल तो खुल गए हैं, मगर बच्चों की उपस्थिति कम ही है। आने वाले दिनों में 100 फीसदी बच्चों को अनुमति दी जाएगी। दूसरी तरफ अभी डेंगू का प्रकोप लगातार कायम है। 600 से अधिक मरीज इंदौर में मिल चुके हैं। कल भी 15 डेंगू के मरीज और मिल गए। इनमें 22 फीसदी डेंगू के मरीज बच्चे बताए गए हैं, जिनकी संख्या 129 है। जिले में स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक अभी तक 608 डेंगू मरीज चिन्हित किए गए हैं। हालांकि यह सरकारी आंकड़ा है। इससे अधिक डेंगू के मरीज निजी अस्पतालों, क्लीनिकों में उपचाररत रहे या ठीक हो गए हैं। 364 पुरुष, 244 महिलाएं और 129 बच्चे डेंगू मरीज के रूप में मिले। अभी 17 डेंगू के एक्टिव केस हैं और 12 मरीज भर्ती होना बताए गए हैं।
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