19 वर्ष बाद महाकाल की 10 सवारी निकलेगी, 3 नए रथ शामिल होंगे

  • इस बार 52 दिन का सावन-15 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के पहुँचने का अनुमान-अधिक मास होने के कारण 59 दिनों का सावन माह होगा-यह योग 19 वर्ष बाद आ रहा हैं-4 जुलाई से शुरू होगा महीना-महाकाल लोक की भीड़ के बाद अब सावन में उमड़ेंगे लोग

उज्जैन । उज्जैन के महाकाल मंदिर में श्रावण मास के दौरान दो माह गर्भगृह में प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। भक्तों को गणेश व कार्तिकेय मंडपम से ही भगवान महाकाल के दर्शन करने होंगे। प्रतिबंध के दौरान केवल अतिविशिष्ट को ही गर्भगृह में प्रवेश की अनुमति दी जाएगी इसके लिए अभी मंदिर प्रबंध समिति की सावन माह की होने वाली बैठक में निर्णय लिया जाएगा। देशभर से आने वाले कांवड़ यात्रियों के लिए मंदिर समिति द्वारा जलाभिषेक की विशेष व्यवस्था की जाएगी। आम भक्त भी महाकाल का जलाभिषेक कर सकेंगे। इसके लिए जल पात्र लगाए जाएंगे ।


पंचांग के अनुसार 4 जुलाई से श्रावण मास की शुरुआत होने जा रही है। इस बार श्रावण मास की विशेष बात यह है कि जहां हर वर्ष सावन 30 दिनों का होता है वहीं इस बार सावन 59 दिनों का होगा। 19 वर्षों के बाद श्रावण अधिकमास के रूप में आ रहा है। महाकाल मंदिर के सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल ने अग्निबाण को बताया कि महाकाल लोक का निर्माण होने के बाद महाकाल मंदिर में भक्तों की संख्या बड़ी है उसी को ध्यान में रखते हुए यह अनुमान लगाया जा रहा है कि 59 दिनों के इस बार के होने वाले सावन माह में देशभर से महाकाल दर्शन के लिए 15 लाख से अधिक श्रद्धालु उज्जैन पहुंचेंगे ऐसी स्थिति में मंदिर के गर्भ गृह में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध रखने का विचार मंदिर प्रबंध समिति द्वारा किया गया है जिसका निर्णय सावन माह की होने वाली बैठक में लिया जाएगा। सावन माह में निकलने वाली सवारी भी इस बार 10 सवारी निकलेगी पहली सवारी 10 जुलाई को अपने परंपरागत मार्ग से निकाली जाएगी। इस वर्ष सवारी में तीन नए रथ शामिल किए जाएंगे जिनका निर्माण कार्य चल रहा है इन रथों को उज्जैन, इंदौर और दिल्ली के कारीगर बना रहे हैं। मंदिर समिति द्वारा आयोजित सावन महोत्सव कार्यक्रम में भी इस वर्ष देश भर के प्रसिद्ध कलाकार अपनी प्रस्तुतियां देंगे ।

श्रावण-भादो मास में महाकालेश्वर मंदिर से बाबा महाकाल अपनी प्रजा का हाल जानने और भक्तों को दर्शन देने के लिए चांदी की पालकी में सवार होकर नगर भ्रमण पर निकलते हैं। श्रावण-भादो मास में 6 से 7 बार बाबा की सवारी निकाली जाती है। इस बार अधिक मास के चलते बाबा महाकाल 10 बार अपने भक्तों को दर्शन देने के लिए नगर भ्रमण पर निकलेंगे। श्रावण-भादो मास के प्रत्येक सोमवार पर बाबा का अलग स्वरूप होता है। इस बार 10 सवारी होने पर बाबा के स्वरूप में भी अधिक होंगे। 10 सवारी का योग 19 वर्षों ब आया है। इस वर्ष सवारी में तीन नए रथ भी शामिल किए जाएंगे।मंदिर प्रबंध समिति द्वारा जारी किया गया पंचांग के अनुसार 4 जुलाई से शुरू हो रहे सावन माह की पहली सवारी का क्रम सावन के हर सोमवार को इस तरह से रहेगा ।

  • 10 जुलाई प्रथम सवारी
  • 17 जुलाई द्वितीय सवारी
  • 24 जुलाई तृतीय सवारी
  • 31 जुलाई चतुर्थ सवारी
  • 7 अगस्त पंचम सवारी
  • 14 अगस्त छटी सवारी
  • 21 अगस्त सातवी सवारी, नागपंचमी पर्व भी इस दिन है ।
  • 28 अगस्त आठवी सवारी,
  • 4 सितंबर नौवी सवारी
  • 11 सितंबर दसवी सवारी, अंतिम शाही सवारी रहेगी।

इसी के साथ 30 अगस्त बुधवार को रक्षाबंधन लड्डू महाभोग महाकाल को लगाया जाएगा। यह तीन नए रथ इस वर्ष सवारी में होंगे शामिल जिन्हें बनाने का काम किया जा रहा है।

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