सड़क हादसों में 108 एम्बुलेंस का उपयोग ही नहीं हो रहा है

  • मरीज और स्टाफ उठा रहा परेशानी-कई बार मरीज को ले जाते वक्त रास्ते में खड़ी हो जाती है गाड़ी

उज्जैन। हादसे, दुर्घटना या अन्य कारणों से पीडि़त मरीज को अस्पताल पहुँचाने के लिए जिले में संचालित 108 एम्बुलेंस वाहनों की हालत खराब है। वे इतने बीमार हैं कि इन पर तैनात स्टाफ को वाहन की सेहत की ही चिंता लगी रहती है। नतीजा हादसों में 108 एम्बुलेंस इस्तेमाल करने में उज्जैन प्रदेश में नौवें स्थान पर पहुंच गया है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में हर महीने होने वाले सड़क हादसों की संख्या 12 हजार के करीब है। सड़क हादसों में एम्बुलेंस का इस्तेमाल करने के मामले में उज्जैन प्रदेश में नौवें स्थान पर है, जबकि इंदौर तीसरे और भोपाल पांचवें स्थान पर है। हालांकि सड़क हादसों के ये आंकड़े बीते छह महीने में 108 इमरजेंसी एम्बुलेंस की ओर से दी गई सेवाओं के आधार पर तैयार किए हैं।

इसमें निजी वाहनों से सीधे अस्पताल पहुंचने वाले हादसे शामिल नहीं हैं। बड़े नगरों की बात की जाए तो प्रदेश के चार महानगरों में शामिल उज्जैन में 108 इमरजेंसी एम्बुलेंस का उपयोग बेहद कम किया जा रहा है। यहां बीते 6 महीने में महज तीन हजार से ज्यादा सड़क हादसे हुए हैं। लेकिन 2102 हादसों में ही 108 इमरजेंसी एंबुलेंस का उपयोग किया गया हैं। जिला अस्पताल के डॉ. जितेंद्र शर्मा का कहना है कि बड़े शहरों के मुकाबले छोटे शहरों में 108 इमरजेंसी एम्बुलेंस का उपयोग ज्यादा किया जा रहा है। बड़े शहरों में लोग प्राइवेट वाहनों से भी घायलों को अस्पताल पहुंचा देते हैं। जबकि छोटे शहरों में लोग अपने वाहनों का उपयोग करने में संकोच करते हैं। यही वजह है बड़े शहरों के मुकाबले छोटे शहरों में 108 एम्बुलेंस का उपयोग अधिक किया जा रहा है।

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