100 में से 33 बच्चे उज्जैन में आपरेशन से हो रहे हैं

  • चरक अस्पताल में बीते 14 माह में कुल 5563 प्रसव हुए, इसमें 3737 नार्मल और 1826 ऑपरेशन से-नार्मल डिलेवरी कम हुई

उज्जैन। गर्भवती महिला का आपरेशन करने से 25 से 50 हजार रुपए की अतिरिक्त कमाई होती है इसलिए आजकल नार्मल डिलेवरी कम हो गई हैं और डॉक्टर सीधे ही आपरेशन कर देते हैं।

शहर में गर्भवती महिलाओं के नॉर्मल से ज्यादा ऑपरेशन से बच्चे पैदा हो रहे हैं। सरकारी आंकड़ों पर गौर करें तो एक जनवरी 2023 से 29 फरवरी 2024 तक चरक अस्पताल में कुल 5563 बच्चों ने जन्म लिया। इनमें 33 फीसदी यानी एक हजार 826 बच्चे ऑपरेशन से हुए हैं। उल्लेखनीय यह है कि उज्जैन में हर साल सर्जरी से पैदा होने वाले बच्चों की तादात बढ़ रही है। यह संख्या सिर्फ निजी अस्पतालों में ही नहीं बल्कि सरकारी अस्पतालों में भी बढ़ी है। आमतौर पर डिलीवरी के वक्त कॉम्पिलीकेशंस होने पर सिजेरियन-सेक्शन व ऑपरेशन का सहारा लिया जाता है ताकि माँ और बच्चा दोनों सुरक्षित रहे लेकिन अब शहर में ऑपरेशन से डिलीवरी कराने वाली महिलाओं की संख्या तेजी से बढ़ रही है। चरक अस्पताल में इस साल 33 प्रतिशत डिलीवरी ऑपरेशन से हुई हैं। यानी कुल 5563 में से एक हजार 826 ऑपरेशन से पैदा हुए। दरअसल साल दर साल नॉर्मल डिलेवरी का प्रतिशत घटने का एक बड़ा कारण महिलाओं में प्रसव के दौरान होने वाली पीड़ा का डर है जिसके कारण वे घबराहट में ऑपरेशन का रास्ता चुनती हैं। इसके साथ ही खराब होती जीवनशैली भी गर्भवती महिलाओं को नॉर्मल डिलीवरी से दूर कर रहा है। डॉक्टरों का कहना है कि गर्भवती महिलाएँ अब शारीरिक श्रम कम करती हैं इससे वजन बढ़ता है। हेल्दी फूड्स न खाने और अधिक उम्र में गर्भधारण से बॉडी में फ्लैक्सिबिलिटी कम हो जाती है। मूवमेंट कम होने से नार्मल डिलीवरी में दिक्कत आती है। डॉक्टर्स पहले नॉर्मल डिलीवरी ही करवाने की कोशिश करते हैं, रिस्क में ही ऑपरेशन करते हैं। कई बार परिवारजनों को जरा भी लगता है कि कुछ गड़बड़ है तो वे ही कह देते हैं कि ऑपरेशन कीजिए।

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