अखिलेश की नसीहत के बाद स्वामी प्रसाद मौर्य ने फिर ‘हिंदू धर्म’ पर उगला जहर

नई दिल्ली (New Delhi)। समाजवादी पार्टी (SP) के प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) का वह वादा 24 घंटे भी नहीं टिका जो उन्होंने ब्राह्मण सम्मेलन (brahmin conference) में किया था। स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) ने एक बार फिर हिंदू धर्म को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की है। उन्होंने सोमवार को दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में हिंदू धर्म को धोखा बता डाला।
अखिलेश यादव ने वादा किया था कि धर्म और जाति पर टिप्पणी पर रोक लगाई जाएगी। अब देखना दिलचस्प होगा कि पार्टी प्रमुख की नसीहत को दरकिनार करने वाले स्वामी पर क्या सपा कोई ऐक्शन लेगी?


एक वीडियो क्लिप में स्वामी प्रसाद मौर्य मंच से कहते हैं, ‘हिंदू एक धोखा है। वैसे भी 1995 में माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने अपने आदेश में कहा था कि हिंदू कोई धर्म नहीं, जीवन जीने की शैली है। यही नहीं जो सबसे बड़े धर्म के ठेकेदार बनते हैं आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने भी एक नहीं दो बार कहा कि हिंदू धर्म ना का कोई धर्म नहीं है, बल्कि जीवन जीने की कला है। देश के प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र मोदी जी ने भी कहा, एक दो महीने पहले गडकरी जी ने भी कहा। लेकिन इन लोगों के कहने से किसी की भावना आहत नहीं होती है। अगर स्वामी प्रसाद मौर्या कह देते हैं कि हिंदू धर्म, धर्म नहीं है, बल्कि एक धोखा है।’

नई दिल्ली के जंतर मंतर पर मिशन जय भीम के बैनर तले राष्ट्रीय बौद्ध और बहुजन अधिकार सम्मलेन में स्वामी ने कहा, ‘जिसे हम हिंदू धर्म कहते हैं वह कुछ लोगों के लिए धंधा है। जब हम कहते हैं कि यह यह कुछ लोगों के लिए धंधा है तो पूरे देश में भूचाल मच जाता है। जब वही चीज मोहन भागवत कहते हैं, माननीय मोदी जी कहते हैं, गडकरी जी कहते हैं तो किसी की भावना आहत नहीं होती, वही चीज स्वामी प्रसाद मौर्य कहते हैं तो उनकी भावनाएं इतनी कमजोर होती हैं कि आहत हो जाती हैं।’

क्या था अखिलेश का वादा
दरअसल रविवार को लखनऊ में सपा मुख्यालय में ब्राह्मण सम्मेलन का आयोजन किया गया। 2024 लोकसभा चुनाव से पहले सोशल इंजीनियरिंग फिट करने में जुटे अखिलेश यादव की मौजूदगी में कन्नौज के प्रबुद्ध समाज और महा ब्राह्मण समाज पंचायत के प्रतिनिधियों की पंचायत हुई। इस दौरान कई लोगों ने स्वामी प्रसाद मौर्य का नाम लिए बिना धर्म-जाति पर विवादित बयानों को लेकर नाराजगी जाहिर की थी। इस पर अखिलेश यादव ने वादा किया कि ऐसे बयानों पर रोक लगाई जाएगी। उन्होंने पार्टी नेताओं को धर्म और जाति पर किसी तरह की टिप्पणी से बचने की नसीहत दी।

मान नहीं रहे स्वामी
पिछले विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा छोड़कर सपा में गए स्वामी प्रसाद मौर्य हिंदू और हिंदुत्व को लेकर लगातार विवादित बयान दे रहे हैं। उनके बयानों पर को लेकर कई बार सपा को किरकिरी का सामना करना पड़ा है। अब 2024 लोकसभा चुनाव में पार्टी को इस बात की आशंका सताने लगी है कि कहीं ना कहीं उनके बयानों से नुकसान हो सकता है। यही वजह है कि खुद अखिलेश यादव ने भी ऐसे बयानों पर अंकुश लगाने की बात कही है।

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