बालाघाट के बाद अब जबलपुर में 17 करोड़ के धान में हेरा-फेरी, अहमदाबाद की कंपनी पर FIR दर्ज

जबलपुर: मध्य प्रदेश में सरकारी धान की देखरेख करने वाली गुजरात (Gujarat) की कंपनी पर बालाघाट (Balaghat) के बाद अब जबलपुर (Jabalpur) में भी गोलमाल करने का आरोप लग रहा है. अहमदाबाद की कंपनी हाउसिंग लॉजिस्टिक कॉर्पोरेशन पर जबलपुर में 17 करोड़ की धान खुर्द-बुर्द करने का आरोप लगा है. मध्य प्रदेश वेयर हाउसिंग कॉर्पोरेशन की ओर से कंपनी के खिलाफ FIR दर्ज कराई जा रही है. इस मामले में कंपनी के साथ कई सरकारी अधिकारियों की भूमिका भी संदिग्ध मानी जा रही है.

दरअसल, धान की देखभाल करने के लिए तय की गई अहमदाबाद की कंपनी गो ग्रीन कंपनी पर अब धान को गायब करने का आरोप भी लग रहा है. इस मामले में वेयर हाउसिंग कॉर्पोरेशन के अधिकारियों ने गोसलपुर थाने में शिकायत दी है. वैसे इस कंपनी पर कुल 132 करोड़ के धान को गोलमाल करने का आरोप है. इसे लेकर पहले ही कंपनी निशाने पर है. अब धान गायब करने के मामले में अलग से शिकायत दर्ज कराई गई है.

मध्य प्रदेश वेयर हाउसिंग कॉर्पोरेशन के जिला प्रबंधक एसआर निमोदा का कहना है कि गो ग्रीन कंपनी की अनियमितताओं पर गोसलपुर थाने में शिकायत दी गई है. पुलिस अब जांच कर मामले की सच्चाई सामने लाएगी. गायब हुए धान 8 हजार 500 मीट्रिक टन हैं. साल 2021-22 में जिले में करीब साढ़े चार लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन खरीदी 4.80 लाख मीट्रिक टन हो गई. लगभग 98000 मीट्रिक टन धान को जिले के अलग-अलग स्थानों में ओपन कैंप में रख दिया गया. इसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी वेयर हाउसिंग लॉजिस्टिक कॉर्पोरेशन ने अहमदाबाद की गो ग्रीन कंपनी को दे दी. कंपनी की लापरवाही के कारण ओपन कैंप में रखा हजारों मीट्रिक टन धान न सिर्फ खराब हो गया, बल्कि चोरी भी हो गया.

लगभग 8475.728 मीट्रिक टन धान गायब
यहां बताते चलें कि जबलपुर वेयर हाउसिंग एंड लॉजिस्टिक कॉर्पोरेशन ने धान को रखने के लिए 7 ओपन कैंप बनवाए हैं. इनमें हृदयपुर, बरखेड़ा, भरतपुर, बंदरकोला, तिलसनी, बीजापुरी और दर्शनी शामिल थे. इन ओपन कैंप में कांक्रीट के प्लेटफॉर्म बनाए और उनके ऊपर धान को बोरों में भरकर रखा गया था. इन्हें ऊपर से तिरपाल से ढंक दिया गया था, जो लापरवाही के कारण फट गया. ओपन कैंप में रखे धान को जब उठाने की बारी आई तो पता चला कि लगभग 8475.728 मीट्रिक टन धान गायब है. गायब हुए धान की कीमत 17 करोड़ रुपये बताई जा रही है.

पहले हुआ था 13 करोड़ रुपये के धान का हेर फेर
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले में भी करीब 13 करोड़ की सरकारी धान को खुर्द-बुर्द करने का मामला सामने आया है. इस मामले में धान का भंडारण और रखरखाव करने वाली अहमदाबाद की कंपनी के खिलाफ पुलिस में एफआईआर दर्ज की गई. दरअसल, इस फर्म पर उपार्जित धान का उचित रख रखाव नहीं करने और भंडारित धान को कर्मचारियों द्वारा खुर्द-बुर्द किए जाने का आरोप है. कंपनी को पहले ही ब्लैक लिस्टेड किया जा चुका है. अब जिम्मेदारों पर कानून का शिकंजा कसा जा रहा है.

इनके खिलाफ दर्ज हुई FIR
बालाघाट जिले के वारासिवनी थाना प्रभारी शंकर सिंह चौहान के मुताबिक खापा ओपन कैंप में भंडारित धान के रख रखाव में लापरवही बरते जाने और धान के स्कंध की अफरा-तफरी की स्टेट वेयर हाउस के जिला प्रबंधक रमेश पटले की ओर से शिकायत की गई है. शिकायत के आधार पर अहमदाबाद की गो-ग्रीन वेयर हाऊस लिमिटेड कंपनी के डायरेक्टर संतोष साहू (नवरंगपुरा अहमदाबाद निवासी) समेत स्टेट हेड सौरभ मालवीय और कंपनी के एडवाइजर अखिलेश बिसेन के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है.

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