ऑस्ट्रेलियाई पत्रकार का दावा- चुनाव कवर करने से रोका, भारत सरकार ने आरोप को नकारा

नई दिल्ली (New Delhi)। भारत (India) में लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) के दूसरे चरण के तहत 26 अप्रैल को वोटिंग होने जा रही है. इस बीच एक ऑस्ट्रेलियाई पत्रकार (Australian journalist) ने दावा किया कि भारत में उन्हें चुनाव कवर करने की मंजूरी नहीं (No permission to cover elections) दी गई, जिसके बाद उन्हें देश छोड़ने को मजबूर होना पड़ा. लेकिन पत्रकार के इस दावे को भारत सरकार से जुड़े आधिकारिक सूत्रों ने गलत और भ्रामक बताया है।

ऑस्ट्रेलियन ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन (एबीसी) (Australian Broadcasting Corporation (ABC) की साउथ एशिया ब्यूरो चीफ (South Asia Bureau Chief) अवनी डायस (Avni Dias) 20 अप्रैल को भारत से रवाना हो गई थीं. उनका दावा है कि भारत सरकार ने उनके वीजा की अवधि नहीं बढ़ाई, जिसकी वजह से उन्हें लोकसभा चुनाव के पहले चरण की वोटिंग के एक दिन बाद भारत छोड़ना पड़ा. वह भारत के चुनावों की रिपोर्टिंग नहीं कर पाई।

अवनी ने बताया कि भारतीय विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी ने फोन कर उन्हें बताया कि उनके वीजा की अवधि बढ़ाई नहीं जा रही है. यूट्यूब पर ‘फॉरेन कॉरेस्पॉन्डेंट’ के उनके हालिया एपिसोड के सारी सीमाएं लांघने को इसकी वजह बताई गई. हालांकि, भारत सरकार के सूत्रों का कहना है कि अवनी ने अपने पेशेवर गतिविधियों के दौरान वीजा नियमों का उल्लंघन किया करते पाया गया था लेकिन इसके बावजूद उनके अनुरोध पर चुनावों की कवरेज के लिए उनकी वीजा की अवधि को बढ़ाया गया।

सूत्रों ने बताया कि डायस के वीजा की अवधि 20 अप्रैल को समाप्त हो गई थी और उन्होंने 18 अप्रैल तक की ही वीजा फीस का भुगतान किया था. लेकिन बाद में उनके वीजा की अवधि को उसी दिन बढ़ाकर जून के अंत तक बढ़ा दिया गया था।

सूत्रों का कहना है कि लेकिन डायस ने 2 अप्रैल को भारत छोड़ने का फैसला कर लिया था. लेकिन जिस समय उन्होंन भारत छोड़ा, उनका वीजा वैध था और उनके वीजा की अवधि बढ़ाने को मंजूरी दी जा चुकी थी. चुनाव कवर करने की मंजूरी नहीं देने का उनका दाव भी पूरी तरह से गलत है।

सूत्रों का कहना है कि सभी वीजाधारकों को पॉलिंग बूथ के बाहर चुनावों को कवर करने की मंजूरी है. पॉलिंग बूथ और काउंटिंग स्टेशनों पर जाकर रिपोर्टिंग करने के लिए अथॉरिटी लेटर आवश्यक है. इस पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए कि एसीबी के दूसरे संवाददाता मेघना बाली और सोम पाटीदार को पहले ही चुनावी कवरेज को लेकर लेटर मिल चुके थे।

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