वेंटीलेटर में आयुष्मान योजना !

  • भुगतान न होने आईएमए और अस्पताल संघ ने दिया अल्टीमेटम

जबलपुर। शहर में निजी अस्पतालों का तकरीबन 150 करोड़ रूपया आयुष्मान योजना के तहत बकाया है जिसका भुगतान लंबे समय से अस्पतालों को नहीं मिल पाया है। गरीब जनता के लिए वरदान साबित हुई आयुष्मान भारत योजना अब संकट में आ गई है। समय पर पैसों का भुगतान ना होने की वजह से निजी अस्पतालों ने इलाज ना करने का फैसला किया है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की ओर से सरकार को एक पत्र लिखा गया है। जिसमें कहा गया है कि निजी अस्पताल आने वाले 15 दिनों तक ही आयुष्मान भारत योजना से इलाज कर पाएंगे और उसके बाद इस योजना के तहत मरीजों का इलाज करना बंद कर देंगे। दरअसल निजी अस्पतालों का कहना है कि आयुष्मान भारत योजना के तहत सरकार से होने वाला भुगतान पिछले 6 महीनों से नहीं हुआ है। हालात यह बन गए हैं कि निजी अस्पतालों को अपना खर्चा चलाने के लिए बैंकों से लोन लेना पड़ रहा है।


एमओयू के तहत 45 दिनों में होना चाहिए भुगतान
इस योजना के तहत नियमों के मुताबिक आयुष्मान भारत योजना में इलाज कराने वाले मरीजों का पैसा 45 दिन के अंदर निजी अस्पतालों को मिलना चाहिए। लेकिन पिछले 6 महीनों से निजी अस्पतालों को आयुष्मान भारत योजना का पैसा ही नहीं मिला है। कुछ अस्पतालों ने तो मरीजों का इलाज करना भी बंद कर दिया है। निजी अस्पताल संचालक उधारी लेकर मरीजों का इलाज कब तक करेंगे। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ अमरेंद्र पांडे का कहना है कि जबलपुर ही नहीं बल्कि प्रदेशभर के निजी अस्पताल संचालक आयुष्मान भारत योजना के तहत हो रहे भुगतान की लेटलतीफी से काफी परेशान है। जबलपुर जिले में ही तकरीबन 150 करोड़ रुपए का भुगतान होना बाकी है वही प्रदेश स्तर की बात करें तो 11 सौ करोड़ रुपए आयुष्मान भारत योजना के तहत अब तक निजी अस्पतालों को नहीं मिलेंगे। इन हालातों में अब इलाज कर पाना बेहद मुश्किल हो गया है। लिहाजा इंडियन मेडिकल एसोसिएशन और जबलपुर अस्पताल संघ ने सरकार को पत्र लिखकर मांग की है कि जल्द से जल्द आयुष्मान भारत योजना का भुगतान निजी अस्पतालों को कर दिया जाए। ताकि गरीबों को मिलने वाला इलाज जारी रह सके। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन का साफ कहना है कि आने वाले 15 दिनों तक की योजना के तहत गरीबों का इलाज कर पाएंगे और उसके बाद बंद कर देंगे।

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