हड़ताल टूटने से पहले 8 लाख लीटर ज्यादा पेट्रोल-डीजल पहुंचा दिया पम्पों पर

  • इंदौर में प्रशासन की सूझबूझ से ज्यादा नहीं रही किल्लत, कल सुबह से ही अधिकांश पम्पों पर मिलने लगा था आसानी से ईंधन, रात में सुलह के बाद हड़ताल भी हो गई वापस

इंदौर। कल देर रात केन्द्र सरकार और ट्रांपोर्टरों के बीच सुलह वार्ता हो गई, जिसमें तय किया गया कि मौजूदा विवाद की जड़ हिट एंड रन के कानूनों के नए प्रावधानों को फिलहाल लागू नहीं किया जाएगा। दूसरी तरफ साल के पहले दिन से ही इस हड़ताल के चलते पेट्रोल पम्पों पर लम्बी कतारें लग गईं, मगर इंदौर प्रशासन की सजगता और लिए गए निर्णयों के चलते कल सुबह से अधिकांश पम्पों पर पेट्रोल-डीजल मिलने लगा और सामान्य दिनों की तुलना में आठ लाख लीटर अधिक पेट्रोल-डीजल पम्पों पर अतिरिक्त टैंकरों के माध्यम से पहुंचा भी दिया। खुद कलेक्टर डॉ. इलैया राजा टी मांगलिया स्थित तीनों तेल कम्पनियों के डिपो पर पहुंचे और उन्होंने टैंकर ड्राइवरों से सीधे चर्चा भी की।

कलेक्टर ने जिस तरह की सजगता पेट्रोल-डीजल, एलपीजी की आपूर्ति सतत रखवाने में दिखाई, उससे अधिक नागरिकों को परेशानी नहीं हुई। हालांकि यह सही है कि हड़ताल के कारण स्कूल बसों से लेकर अन्य ट्रांसपोर्टेशन प्रभावित हुआ और पम्पों पर कतारें भी लगीं, लेकिन जल्द ही स्थिति सामान्य हो गई। कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी ने ऑइल कम्पनियों के साथ-साथ ड्राइवर यूनियन, आरटीओ-पुलिस के साथ बैठकें की और ट्रांसपोर्ट यूनियन की भ्रांतियों का निराकरण भी किया और उन्हें समझाइश भी दी गई, जिसके चलते 100 से अधिक टैंकर तो साल के पहले दिन और फिर कल भी डिपो से रवाना करवाए गए। इसका परिणाम यह निकला कि सामान्य दिनों में जहां इंदौर के पम्पों पर लगभग 17 लाख लीटर पेट्रोल-डीजल की आपूर्ति होती है, तो कल यह 25 लाख लीटर पेट्रोल-डीजल तक पहुंच गई। यानी उलटा 8 लाख लीटर अधिक ईधन पम्पों पर उपलब्ध करवा दिया, जिसके परिणाम स्वरूप शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्र के अधिकांश पम्पों पर कोई कतार भी नहीं रही और आसानी से लोगों को पेट्रोल-डीजल उपलब्ध होने लगा। इसके साथ ही दूध, सब्जियों से लेकर अन्य आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति भी बहाल रखी गई और मंडी प्रशासन ने भी किसान बंधुओं से अपील कर मंडी की व्यवस्थाओं को भी बिगडऩे नहीं दिया। हालांकि रात को ही हड़ताल समाप्त भी हो गई, क्योंकि केन्द्र सरकार के साथ ट्रांसपोर्टरों की बैठक में इस बात पर सहमति बनी कि फिलहाल नया कानून लागू नहीं होगा।

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