वोटिंग से पहले शिवपाल यादव को यूपी पुलिस कासगंज जिले की सीमा तक छोड़कर आई, जानें बदायूं से क्यों निकाला बाहर

बदायूं : उत्‍तर प्रदेश (UP) में तीसरे चरण की वोटिंग से पहले समाजवादी पार्टी (SP) के राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल यादव (Shivpal Yadav) को बदायूं (Badaun) जिले से बाहर कर दिया गया. शिवपाल यादव यहां अपने भतीजे पूर्व सांसद धर्मेंद यादव की कोठी पर रहे थे. उनके पुत्र आदित्‍य बदायूं से लोकसभा (Loksabha) चुनाव लड़ रहे हैं. पार्टी के स्‍टार प्रचारकों की सूची में शामिल शिवपाल को तीसरे चरण की वोटिंग से ठीक पहले बदायूं पुलिस (Police) का लाव लश्‍कर जिले से बाहर तक ले गया. उन्‍हें खुद पुलिस कासगंज (Kasganj) जिले की सीमा (border) पर छोड़कर (dropped) आई. आखिर पुलिस ने ऐसा क्‍यों किया, आइये जानते हैं..

दरअसल, सपा के राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल सिंह यादव करीब एक माह से अपने भतीजे और पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव की कोठी पर रह रहे थे. वह यहां अपना निवास स्‍थान बनाए हुए थे. रविवार की रात को पुलिस उनकी कोठी पर पहुंची, लेकिन शिवपाल यादव वहां नहीं मिले. इसके बाद पुलिस सोमवार को यहां आ पहुंची और दोपहर के वक्‍त पुलिस प्रशासन की ओर से उन्‍हें एक नोटिस थमा दिया गया. इसमें लिखा था कि उन्‍हें जिला छोड़ना होगा.

शिवपाल अपने बेटे और यहां से सपा प्रत्याशी आदित्य यादव के चुनाव की तैयारियों और प्रचार आदि को लेकर जिले में डेरा डाले हुए थे. लेकिन जैसे ही चुनाव प्रचार समाप्‍त हुआ तो पुलिस की तरफ से बाहरी नेताओं को जिले से बाहर का रास्‍ता दिखाना शुरू कर दिया गया.

रविवार को भी जब पुलिस पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव के आवास पर पहुंची थी तो उसने बाहरी लोगों को यहां न रूकने की चेतावनी दी थी. सिविल लाइंस के निरीक्षक गौरव बिश्नोई ने शिवपाल सिंह यादव को नोटिस दिया था. नोटिस मिलने के बाद शिवपाल यादव अपनी कार लेकर यहां से निकले तो पुलिस की गाड़ी भी उनके पीछे लग गई. पुलिस उन्‍हें बदायूं जिले के बाहर कछला बॉर्डर तक छोड़कर आई.

एसएसपी आलोक प्रियदर्शी के अनुसार, चुनाव आयोग के नियमानुसार लोकसभा चुनाव के मद्देनजर 5 मई की शाम को प्रचार थम गया था, ऐसे में कोई बाहरी व्यक्ति जिले में नहीं रह सकता था. इसके तहत उन्‍हें नोटिस दिया गया था.

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