आदिवासी छात्राओं के लिए आई साइकिलें शहर में खा रहीं धूल

  • जिम्मेदारों की लापरवाही से जरूरतमंद छात्राओं को हो रही परेशानी

जबलपुर। आदिवासी अंचलों की छात्राओं के लिए आई हुई थी लेकिन गलती से शहर पहुंच गई और अब यही साइकिले एमएलबी स्कूल में पढ़ी कबाड़ हो रही हैं। दरअसल स्कूल चले हम योजना में सरकारी स्कूलों में पढने वाली छात्राओं को साइकिल वितरण होना था। साइकिल आकर महिनों से धूल खा रही है लेकिन जरूरमंद छात्राओं को अब तक वितरण नहीं किया गया है। शासकीय एमएलबी स्कूल में इन साइकिल को रखा गया है, अब जिम्मेदार अफसर कह रहे हैं कि यह साइकिल आदिवासी अंचल के लिए आई थी गलती से जबलपुर पहुंच गई है। हैरानी की बात ये हैं कि भूलवश अन्य जिलों की साइकिल यहां आई और सरकारी इमारत में भी सज गई। जिम्मेदार अफसरों का कहना है कि उनके द्वारा अभी तक साइकिलों की सुपुर्दगी नहीं ली गई है।

क्या है मामला
शासकीय एमएलबी स्कूल में करीब 1500 साइकिल स्टांग रूम में रखी हुई है। पिछले दो माह से ये साइकिल यहां इसी तरह रखी है। एमएलएबी स्कूल की प्राचार्य ने कहा कि साइकिल कहां से आई है उन्हें नहीं पता। विकासखंड अधिकारी के द्वारा उन्हें रखने के लिए कहा गया था। इसलिए स्कूल के बाहर का हाल उपलब्ध कराया गया है।

आदिवासी क्षेत्र में बांटा जाना था
साइकिल को विभाग ने आदिवासी अंचल के छात्राओं को देने के लिए मंगाया था। ये साइकिल जबलपुर के कुंडम, सिहोरा, मंडला, डिंडौरी, उमरिया, शहडोल में पहुंचनी थी। यहां की कक्षा छठवीं और नौवी में पढने वाली छात्राओं को मिलनी थी। अब साइकिल आ कर रखी हुई है लेकिन वितरण नहीं किया गया है। अफसरों का कहना है कि संचालनालय से निर्देश के बाद साइकिल का वितरण किया जाएगा।

साइकिल आदिवासी अंचल के लिए आई थी गलती से जबलपुर पहुंच गई है। सप्लायर की तरफ से अभी साइकिल यहां रखवाई गई है। जैसे ही विभाग से निर्देश होंगे उन्हें वितरण किया जाएगा। विभागीय आदेश के बाद जबलपुर विकासखंड में भी करीब 1100 साइकिल का वितरण किया जाना है।
सुधीर उपाध्याय, विकासखंड अधिकारी जबलपुर

 

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