भोपाल में 8 जनवरी को बड़ी बैठक, चुनाव हारने के बाद पहली बार साथ बैठेंगे पटवारी-कमलनाथ

भोपाल: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में मिली हार (Defeat in Madhya Pradesh assembly elections) को भूलकर अब कांग्रेस आगे बढ़ने की तैयारी में नजर आ रही है. पार्टी के नए नवेले प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी (State President Jitu Patwari) ने लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) की तैयारियां शुरू कर दी हैं. खास बात यह है कि विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद तत्कालीन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ (Kamal Nath) फिलहाल सियासी तौर एक्टिव नहीं थे, उन्होंने विधानसभा में शपथ भी नहीं ली है. लेकिन चुनाव के बाद पहली बार कमलनाथ और जीतू पटवारी एक साथ भोपाल में बैठक करेंगे. यह बैठक लोकसभा चुनाव के लिहाज से अहम मानी जा रही है. क्योंकि इसमें कांग्रेस के युवा जोश के साथ अनुभव का मिश्रण देखने को मिलेगा.

दरअसल, कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद पार्टी में बड़ी सर्जरी की है. युवा नेता जीतू पटवारी को प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी हैं, जबकि उमंग सिंघार को नेता प्रतिपक्ष और हेमंत कटारे को उपनेता प्रतिपक्ष बनाया है. यानि पार्टी की कमान फिलहाल पूरी तरह से युवा हाथों में हैं. लेकिन राजनीतिक जानकारों मानना है कि कांग्रेस युवा जोश के साथ अनुभव का भी लाभ लेना चाहती है. दरअसल, दिग्विजय सिंह और कमलनाथ मध्य प्रदेश कांग्रेस के ऐसे नेता हैं जो राज्य की राजनीति में पिछले तीन दशकों से एक्टिव हैं, दोनों को सूबे में होने वाली सियासत की नब्ज पता है. पार्टी उनके अनुभव को नजरअंदाज नहीं कर सकती है, ऐसे में माना जा रहा है कि कांग्रेस आलाकमान ने प्रदेश की यंग लीडरशिप को अनुभवी नेताओं के साथ समनव्य बनाकर चलने के निर्देश दिए हैं, जिसके चलते यह मीटिंग अहम मानी जा रही है.

माना जा रहा है कि कांग्रेस लोकसभा चुनाव में अपने बड़े नेताओं को उतार सकती है. कमलनाथ, दिग्विजय सिंह, कांतिलाल भूरिया, अरुण यादव, सुरेश पचौरी और अजय सिंह जैसे नेताओं के लोकसभा चुनाव लड़ने की चर्चा प्रदेश के सियासी गलियारों में शुरू हो गई है. खास बात यह है इन सभी नेताओं को लोकसभा चुनाव लड़ने का अनुभव भी हैं, जबकि दिग्विजय सिंह और अजय सिंह को छोड़ दिया जाए तो बाकि के नेता यूपीए सरकारों में मंत्री भी रह चुके हैं. इसके अलावा जीतू पटवारी समेत चुनाव जीतने वाले कुछ युवा विधायक भी लोकसभा चुनाव में उतर सकते हैं. यानि कांग्रेस लोकसभा चुनाव फ्रंट पर आकर लड़ने की तैयारी में हैं. अगर ऐसा होता है तो मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव बेहद दिलचस्प नजर आएगा. क्योंकि बीजेपी भी विधानसभा चुनाव में मिली जीत से उत्साहित है और लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुट गई हैं.

कांग्रेस को विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद की दिल्ली में पार्टी आलाकमान के साथ बड़ी बैठक हो चुकी है, जिसमें कांग्रेस नेताओं ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और कांग्रेस नेता राहुल गांधी को रिपोर्ट सौंप दी है. बताया जा रहा है कि इस बैठक में पार्टी आलाकमान की तरफ से ही लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटने की हरी झंडी मिल चुकी है. ऐसे में अब 8 जनवरी को भोपाल में प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में बड़ी बैठक होगी. इस बैठक में पूर्व PCC चीफ कमलनाथ, दिग्विजय सिंह, सुरेश पचौरी, अरुण यादव, PCC चीफ जीतू पटवारी और कांतिलाल भूरिया सहित तमाम वरिष्ठ नेता शामिल होंगे. माना जा रहा है कि इस बैठक में लोकसभा चुनाव के लिए रणनीति तय हो सकती है. बताया जा रहा है कि इस बैठक में शामिल होने के लिए सभी जिला अध्यक्ष, जिला प्रभारी सहित सभी मोर्चा संगठन को बुलाया गया है. इस मीटिंग में विधानसभा चुनाव से पहले नियुक्त किए गए लोकसभा प्रभारियों को भी बुलाया गया है.

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