Bihar: नीतीश सरकार के लिए संकटमोचक बने गृह मंत्री अमित शाह

नई दिल्ली (New Delhi)। बिहार (Bihar Floor Test) की राजनीति में पिछले कुछ हफ्ते काफी रोमांचक रहे हैं। एक बार फिर बिहार (Bihar) में करीब दो दशकों (2004 से) का सरकार के बदले विपक्ष में बदलाव का रिवाज कायम रहा। नीतीश सरकार (Nitish government) हालांकि बच गई, मगर रविवार देर रात हम के मुखिया जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) और भाजपा-जदयू के आठ विधायकों (Eight MLAs of BJP-JDU) ने दोनों दलों के नेतृत्व की सांसें फुला दी थीं। सरकार बचाने के लिए संख्या बल जुटाने के साथ राजद को झटका देने की व्यूहरचना रविवार देर रात से ले कर सोमवार सुबह तक जारी रही।

ऑपरेशन लालटेन को विफल करने के लिए गृह मंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) ने पहले कर्नाटक फिर दिल्ली से मोर्चा संभाला। जबकि पटना में गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय और नीतीश कुमार देर रात तक बागियों को मनाने में जुटे रहे। इस बीच जब मांझी से संपर्क टूटा तो राय देर रात और सोमवार सुबह दो बार उनके निवास पर पहुंचे। रविवार को देर रात ही राजद विधायकों नीलम देवी, चेतन आनंद और प्रहलाद यादव को भी साधने में सफलता मिल गई।

स्पीकर का दांव हारते ही पलट गई बाजी
राजद का सारा दारोमदार निवर्तमान स्पीकर अवध बिहार चौधरी पर था। उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित होते ही बाजी पलट गई। रविवार शाम तक राजग के आठ विधायक महागठबंधन के संपर्क में थे। राजद की कोशिश इनके जरिये ही खेल करने की थी। हालांकि इनमें से तीन मनोज यादव, सुदर्शन और डॉ संजीव सुबह पार्टी के संपर्क में आ गए और इसी बीच राजग ने राजद के तीन विधायकों को तोड़ने में सफलता हासिल कर ली।

नीतीश के पक्ष में पड़े मत
भाजपा-78 जदयू-43, पार्टी के एक सदस्य ने सदन का संचालन करने की वजह से वोट नहीं दिया
हम-4
निर्दलीय-1
राजद-3
कुल-129

भरोसा-वादे के बाद आए राजद के तीन विधायक
राजद से बगावत करने वाली नीलम देवी जेल में बंद बाहुबली अनंत कुमार की पत्नी हैं, जबकि चेतन आनंद बाहुबली आनंद मोहन के बेटे हैं। चर्चा है कि जदयू ने चेतन को लोकसभा चुनाव में उनकी मां लवली आनंद को उम्मीदवार बनाने का भरोसा दिया है। समर्थन के बदले सरकार का अनंत कुमार के प्रति रुख नरम हो सकता है।

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